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हिमाचल: प्राकृतिक आपदा में 1057 स्कूल तबाह, सरकार को 69 करोड़ की चपत
Last Updated on December 19, 2023 by Soumitra Roy
रवींद्र चौधरी/धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में इस साल आई प्राकृतिक आपदा (Himachal Rain Disaster) में 1057 स्कूलों की इमारतों (School Building) को नुकसान पहुंचा है। इनमें 51 स्कूल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कुछ स्कूल भवनों की हालत इतनी खराब है कि वहां बच्चों को बिठाना भी खतरनाक है। मंगलवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी इस विषय पर चिंता जताते हुए सरकार से स्कूल भवनों की मरम्मत को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की मांग की।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान नाचन के विधायक विनोद कुमार के सवाल के जवाब में बताया कि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त स्कूलों (Damaged Schools) की चरणबद्ध तरीके से मरम्मत की जाएगी और इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में बजट का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण राज्य की 541 प्राथमिक और 25 माध्यमिक स्कूलों को नुकसान पहुंचा है।
मंडी में सबसे ज्यादा नुकसान
मंडी जिला में सबसे अधिक 130 प्राथमिक स्कूल क्षतिग्रस्त हुए। इसी तरह कुल्लू में 87, शिमला में 65, कांगड़ा में 57, सोलन में 56, उना में 52, बिलासपुर में 26, चंबा में 23, हमीरपुर में 10 और किन्नौर में 9 प्राथमिक स्कूल क्षतिग्रस्त हुए। लाहौल-स्पीति जिले में बारिश से किसी भी स्कूल को नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होंने बताया कि स्कूलों के क्षतिग्रस्त होने से शिक्षा विभाग को 69.27 करोड़ का नुकसान हुआ है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि नाचन हल्के के 20 स्कूल बारिश से क्षतिग्रस्त हुए, जिससे 72 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (LoP Jairam Thakur) ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र सिराज में भी ऐसे कई क्षतिग्रस्त स्कूल हैं, जिनमें बच्चों की पढ़ाई चल रही है।
सरकार क्षतिग्रस्त स्कूलों का करेगी निर्माण
जयराम ने जानना चाहा कि जिन क्षतिग्रस्त स्कूलों में बच्चों को बिठाने की सुविधा नहीं है और वहां स्कूलों का निर्माण भी संभव नहीं है, ऐसे स्कूलों में बच्चों के लिए क्या व्यवस्था की गई है। इस पर शिक्षा मंत्री (Education Minister) ने स्पष्ट किया कि सरकार इस बात को लेकर गंभीर है और पहली प्राथमिकता पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त स्कूलों के निर्माण की रहेगी।