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हिमाचल को आज राज्य आपदा घोषित करेगी सरकार; सुक्खू बोले- नाकाम रहे हमारे सांसद
शिमला। हिमाचल सरकार (Himachal Govt) राज्य में हुई भीषण बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हुई तबाही (Devastation) को राज्य आपदा घोषित(State Calamity) करेगी। शुक्रवार शाम को इसकी अधिसूचना (Notification) जारी की जाएगी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसकी जानकारी देते हुए राज्य में प्रदेश के चारों लोकसभा सांसदों (Lok Sabha MP) पर जमकर बरसते हुए कहा कि उन्होंने न तो संसद में राज्य की आपदा को लेकर कोई सवाल पूछा और न ही केंद्र सरकार पर राज्य को अंतरिम राहत जारी करने के लिए दबाव बना पाए। वे केवल सत्ता सुख भोग रहे हैं।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में अब तक लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। अफसर दिन-रात पीड़ित परिवारों की मदद करने में जुटे हैं। सेना की मदद भी ली जा रही है। कांगड़ा के इंदौरा में 1000 से ज्यादा बाढ़ प्रभावितों को रेस्क्यू किया गया है।
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केंद्र से अंतरिम राहत की जरूरत
केंद्र सरकार से अंतरिम राहत (Interim Relief) की पहली किस्त की जरूरत है। जिन लोगों के घर उजड़े हैं, उनकी मदद करना सरकार का दायित्व है। केंद्रीय टीम भी नुकसान का जायजा लेने प्रदेश में आ चुकी है। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में इतनी बड़ी आपदा आई है लेकिन चारों सांसद आपदा में भी राजनीति कर रहे हैं।
मॉनसून सत्र में नहीं पूछे सवाल
संसद के सत्र में प्रदेश के सांसदों ने सदन में सरकार से सवाल तक नहीं पूछा कि राज्य को राहत राशि कब और कितनी दी जा रही है। बीजेपी सांसदों का डेपुटेशन (Deputation of BJP MP) पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात तक करने नहीं गया कि हिमाचल को जल्द अंतरिम राहत जारी की जाए।
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सांसदों को जनता की परवाह नहीं
पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा खुद मदद के लिए आगे आए और प्रदेश में नुकसान के बारे में पूछा। राज्य के सांसद सिर्फ सत्ता सुख भोग रहे हैं। जिन लोगों ने उन्हें चुना, उनकी उन्हें कोई परवाह नहीं है। राज्य आपदा घोषित होने के बाद प्रदेश में राहत एवं बचाव कार्य में तेजी आ सकेगी। सरकार ज्यादा फोकस के साथ तबाह हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर को दोबारा बनाने और प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वास के लिए कार्य करेगी। इसके लिए सरकार को अतिरिक्त फंड का भी प्रावधान करना होगा।
राष्ट्रीय आपदा का अधिकार केंद्र के पास
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के सवाल पर सुक्खू ने कहा कि यह केंद्र का अधिकार है। उन्होंने राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का मामला केंद्र से उठाया है। प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। राज्य सरकार के अपने सभी दरवाजे खुले है।
शांता कुमार बोले- राष्ट्रीय आपदा से मिलेगी अधिक मदद
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से जुड़े सवाल पर पूर्व सीएम एवं BJP के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा कि अगर राष्ट्रीय आपदा घोषित करके अधिक मदद हो सकती है तो वो होनी चाहिए। पूरे हिमाचल में आंसू-लाशें और पता नहीं क्या हालात है। शांता कुमार ने कहा कि उन्होंने पहले ऐसी तबाही कभी नहीं देखी। ठियोग के पूर्व विधायक एवं माकपा नेता राकेश सिंघा ने भी केंद्र से इसे जल्द राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। ऐसे वक्त में राजनीति नहीं होनी चाहिए और जैसा उत्तराखंड में 2013 में रष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया था, हिमाचल में भी होना चाहिए।