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हिमाचल हाईकोर्ट: पुलिस कांस्टेबलों को आठ साल बाद ही मिलेगा संशोधित वेतनमान
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने प्रदेश के हजारों पुलिस कांस्टेबलों (Police Constables) को 8 साल से पहले संशोधित वेतनमान दिए जाने की आशाओं पर पानी फेर दिया। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार की दलीलों और नियमों एवं कानून के मद्देनजर पुलिस कर्मियों की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि कोई कर्मी बिना आपति के भर्ती प्रक्रिया की शर्तों को मानते हुए उसमें भाग लेता है तो वह नियुक्ति के पश्चात उन शर्तों को चुनोती नहीं दे सकता। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने हिमाचल प्रदेश पुलिस (Himachal Pradesh Police) जवानों द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए यह निर्णय सुनाया। मामले के अनुसार 01 सितंबर, 2015 में भर्ती हुए हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबलो ने कोर्ट से याचिका के माध्यम से आग्रह किया था कि उन्हें रिवाइज पे स्केल (Revised Pay Scale) का लाभ 2 वर्ष की नियमित सेवाओं के बाद दिया जाए। प्रदेश सरकार ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया था कि रिवाइज्ड पे स्केल 1 जनवरी, 2015 से पूर्व भर्ती हुए कॉन्स्टेबल को ही देय है एवं सरकार की यह व्यवस्था कानून के मद्देनजर बनाई गयी है।
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प्रार्थियों ने याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया कि सभी प्रार्थी 1 जनवरी, 2015 से पूर्व हुए भर्ती हुए जवानों की तरह ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं, परंतु प्रदेश सरकार 1 जनवरी, 2015 से पूर्व भर्ती कॉन्स्टेबल को रिवाइज्ड पे स्केल का लाभ 2 वर्ष की नियमित सेवाओं के बाद दे रही है जबकि उन्हें यह लाभ 8 वर्ष की नियमित सेवाओं के बाद दिया जाता है जो की कानून के विपरीत है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि प्रार्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में भाग लेते समय इस पहलू को चुनौती नहीं दी थी जिसके तहत 8 वर्ष लगातार सेवाएं देने के बाद उन्हें रिवाइज्ड पे स्केल का लाभ दिया जाएगा। कोर्ट ने निर्णय में स्पष्ट किया कि अगर सरकार खुद रिवाइज्ड पे स्केल का लाभ प्रार्थियों को देना चाहे तो उस स्थिति में कोर्ट का यह फैसला किसी भी तरह से उनके आड़े नहीं आएगा।
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