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हिमाचल हाईकोर्ट: इन 12 अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलेगी पदोन्नति – आदेश जारी
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने 12 अधिकारियों और कर्मचारियों के पदोन्निती (Promotion) आदेश पारित किए है। सहायक पंजीयक शीला सूद को उप पंजीयक के पद पर पदोन्नत किया गया है। अनुभाग अधिकारी सुषमा कपिला और रमेश चंद शर्मा को सहायक पंजीयक बनाया गया है। निशा अहलूवालिया और रमेश चंद बिंटा को कोर्ट मास्टर के रूप में पदोन्नत किया गया है। रण देव, जोगिंदर पाल, राजेंद्र पाल, हिमी चंद शर्मा चपरासी, चमन लाल माली, सुनील कुमार सफाई कर्मचारी को अशर और राम कली ठाकुर को कोर्ट जमादार बनाया गया है।
पीने का पानी ना देने पर हिमाचल हाईकोर्ट ने लिया कड़ा संज्ञान
शिमला। नगर निगम शिमला परिधि से बाहर पीने का पानी (Drinking Water) ना देने पर प्रदेश हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने उमेश द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और शिमला जल प्रबंधन (Shimla Water Management) को जवाब दायर करने के आदेश दिए। प्रार्थी ने अपनी याचिका में यह आरोप लगाया है कि उसने शिमला जल प्रबंधन के समक्ष पीने के पानी के लिए कनेक्शन देने हेतु आवेदन किया है। प्रबंधन ने मौखिक तौर पर प्रार्थी को बताया कि नगर निगम और प्रबंधन ने फिलहाल नगर निगम शिमला परिधि से बाहर पीने के पानी का कनेक्शन न देने का निर्णय पारित कर रखा है।
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प्रार्थी के अनुसार उसने लोअर खलीनी के भगवती नगर में स्थित माधव भवन में एक रिहायशी फ्लैट खरीद रखा है। यह भवन नगर निगम शिमला की सीमा पर बनाया गया है। इस भवन में निगम ने पीने के पानी के तीन कनेक्शन जारी किए है। दलील दी गई कि इस स्थान पर जल शक्ति विभाग की कोई पानी की स्कीम नहीं है। विभाग ने इस बाबत अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया है कि प्रार्थी को निगम की ओर से पानी मुहैया करवाया जाए। प्रार्थी का कहना है कि आजादी के 75 वर्ष पूरे करने के बाद भी लोगों को पीने के पानी के लिए इस तरह से तरसना पड़ रहा है। जबकि पीने का पानी मुहैया करवाना सरकार का दायित्व होने के अलावा भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार का दर्जा दिया गया है। मामले पर आगामी सुनवाई 12 जनवरी को होगी।
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