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कोर्ट का आदेश न मानने पर शिक्षा सचिव का दो दिन का वेतन रोकने के निर्देश
शिमला। कोर्ट का आदेश न मानने पर हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने राज्य के शिक्षा सचिव (Secretary Education) का दो दिन का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बिपिन चन्द्र नेगी की खंडपीठ ने नील कमल सिंह और सुरिंदर नाथ की दो अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किए।
याचिकाकर्ताओं ने इस दलील के साथ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि वे सरकार द्वारा अधिग्रहित निजी तौर पर संचालित शैक्षणिक संस्थानों (Educational Institutes) के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। वे ग्रैच्युटी और अवकाश नकदीकरण जैसे वित्तीय लाभ के हकदार हैं।
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कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में सुनाया फैसला
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाया और राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं को परिणामी लाभ जारी करने के निर्देश दिए। लेकिन जब अदालत के फैसले के बावजूद याचिकाकर्ताओं के पक्ष में वित्तीय लाभ जारी नहीं किया गया, तो उन्होंने अदालत के आदेशों के निष्पादन के लिए फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने पाया कि सचिव (शिक्षा) अवसर मिलने के बावजूद कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं। लिहाज कोर्ट अपने आदेश के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य है।