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हाईकोर्ट: केसीसी बैंक को कर्मचारी की ग्रैच्युटी अदा करने के आदेश
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने केसीसी बैंक को कर्मचारी की ग्रैच्युटी अदा (Ordered TO Pay The Gratuity Of An Employee) करने के आदेश दिए हैं। इसे छह फीसदी ब्याज के साथ देने के आदेश दिए गए हैं। याचिकाकर्ता पुष्प रेणू की याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश संदीप शर्मा ने यह आदेश पारित किए। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि याचिकाकर्ता के 37 वर्ष के सेवाकाल की ग्रैच्युटी को बैंक के नियमों के तहत नहीं रोका जा सकता है। अदालत ने पाया कि जिन अनियमित कर्ज मामलों के लिए उसकी ग्रैच्युटी को रोका गया है, उनमें से अधिकतर आपसी सहमति से निपटाए जा चुके हैं।
यह है पूरा मामला
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया था कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति केसीसी बैंक में शाखा प्रबंधक (Branch Manager) के तौर पर हुई थी। 37 वर्षों की सेवा करने के बाद वह सहायक जनरल मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त हुई थी। आरोप लगाया गया था कि बैंक ने उसके 31 लाख रुपये के सेवा लाभ को रोका है। बैंक ने दलील दी थी कि जब शाखा प्रबंधक रहते हुए याचिकाकर्ता ने अनियमित कर्ज के मामले स्वीकृत किए थे। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उसने कर्ज के सभी मामलों को नियमानुसार स्वीकृत किया है।
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अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता ने बैंक के खिलाफ पंजीयक सहकार विभाग के समक्ष मामला दर्ज किया था। पंजीयक (Registrar) ने मामले को खारिज कर दिया था और बैंक की ओर से ग्रैच्युटी रोकने के आदेशों को सही ठहराया था। इस निर्णय के खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। अदालत ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन के बाद पंजीयक के निर्णय को निरस्त कर दिया और बैंक को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ता के सभी सेवा लाभ अदा करें।