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एंबुलेंस सड़क के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से 8 हफ्ते में मांगी रिपोर्ट
शिमला। नगर निगम में शामिल हुए शहर के मजयाठ वार्ड में एंबुलेंस सड़क (Ambulance Road) न होने पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सरकार से 8 सप्ताह के भीतर ताजा स्टेट्स रिपोर्ट (Status Report) पेश करने को कहा है। इससे पहले, कोर्ट ने राज्य सरकार और लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए थे कि वह उक्त क्षेत्र में एंबुलेंस सड़क बनाने के लिए शीघ्रता से जरूरी कदम उठाएं। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने सरकार के आग्रह पर ताजा स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 8 सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई 21 नवम्बर को निर्धारित की है।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि नगर निगम शिमला के वार्ड मजयाठ के लिए एंबुलेंस सड़क बनाने के लिए उत्तर रेलवे की जमीन लग रही है। इस पर कोर्ट ने उत्तर रेलवे (Northern Railway) को लोक निर्माण विभाग से पत्राचार करने के आदेश दिए थे। मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर अदालत ने संज्ञान लिया है। पत्र में आरोप लगाया है कि मजयाठ के वार्ड- 7 के लिए कोई एंबुलेंस सड़क नहीं है। शहर का मजयाठ वार्ड नगर निगम में शामिल तो हो गया, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाएं अब तक नहीं मिल पाई हैं। वार्ड में न तो एंबुलेंस रोड है और न ही सामुदायिक केंद्र (Community Center)। टैक्स देने के बावजूद हजारों लोग महंगी व्यावसायिक दरों पर पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं। सीवेज लाइन न होने से लोगों का सीवेज नालों में बहता है। नालों से सटे घरों के लोग भी परेशान हैं।
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