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हिमाचल: सरकारी स्कूलों के सहायक लाइब्रेरियन को तोहफा, यूजीसी की तर्ज पर मिलेगा वेतनमान
शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत सहायक लाइब्रेरियन को अब यूजीसी (UGC) की तर्ज पर वेतनमान (Pay Scale) मिलेगा। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने राज्य सरकार (Himachal Govt) को आदेश दिए है कि वर्ष 2010 से पहले नियमों के तहत लगे सहायक लाइब्रेरियन को यूजीसी पे स्केल दिया जाए। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने अपने निर्णय में कहा कि समरूप वर्ग के कर्मचारियों से भेदभाव नहीं किया जा सकता है। अदालत ने लगभग 100 सहायक लाइब्रेरियन की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि समान कार्य का निर्वहन करने वाले कर्मचारियों को समान वेतन (Salary) देने से इंकार नहीं किया जा सकता है। मामले के अनुसार याचिकाकर्ताओं ने वर्ष 2002 में सहायक लाइब्रेरियन के 88 पदों के लिए आवेदन किया था। किन्हीं कारणों से सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया को असीमित समय के लिए टाल दिया था।
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वर्ष 2009 में फिर से सरकार ने इस प्रक्रिया को जारी किया। इस बार जारी विज्ञापन में स्पष्ट किया गया था कि जिन उम्मीदवारों ने वर्ष 2002 में आवेदन किया था, उन्हें दोबारा आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत याचिकाकर्ताओं का चयन किया गया। वर्ष 2010 में उन्हें अनुबंध के आधार पर नियुक्ति दी गई। 2015 में इनकी सेवाओं को नियमित किया गया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि उन्हें यूजीसी की तर्ज पर वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। जबकि वर्ष 2010 से पहले नियमित किए गए सभी सहायक लाइब्रेरियन (Assistant Librarian) को यह लाभ दिया जा रहा है। दलील दी गई कि याचिकाकर्ता भी उन्हीं की तरह भर्ती एवं पदोन्नत्ती नियम 2000 के तहत पूरी योग्यता रखते हैं और इन्हीं नियमों के तहत उनकी नियुक्ति भी हुई है। सरकार की ओर से याचिकाकर्ताओं के साथ भेदभाव किया जाना गैर कानूनी है। अदालत ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन के बाद यह निर्णय सुनाया है।
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