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हाईकोर्ट से BBN आयुर्वेदिक ड्रग्स मेनुफैक्चर्स एसोसिएशन को बड़ी राहत
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बीबीएन आयुर्वेदिक ड्रग्स मेनुफैक्चर्स एसोसिएशन को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार और हिमाचल प्रदेश स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड को आदेश दिए कि वह प्रार्थी संस्था के सदस्यों के खिलाफ केवल इस आधार पर कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे कि उन्होंने खुद को हिमाचल प्रदेश स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड के पास पंजीकृत नहीं किया है।
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने बीबीएन आयुर्वेदिक ड्रग्स मेनुफैक्चर्स एसोसिएशन और अन्यों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। प्रार्थी संस्था का कहना है कि वह आयुर्वेदिक दवाओं का उत्पादन कर रहे हैं। जैविक विविधता अधिनियम 2002 के तहत उन्हें हिमाचल प्रदेश स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड के पास पंजीकृत करवाने की जरूरत नहीं है क्योंकि उक्त अधिनियम के तहत ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है। उल्लेखनीय है कि एक अन्य मामले में हिमाचल प्रदेश वन निगम ने भी सरकार से गुहार लगाई है कि बिरोजा, तारपीन और कत्था उद्योगों को उक्त अधिनियम से बाहर रखा जाए। मामले पर सुनवाई 5 सितम्बर को होगी।