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हाईकोर्ट: हिमुडा को नोशनल इंटरेस्ट की मांग करने का हक नहीं, अपीलें खारिज
शिमला (विधि संवाददाता)। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने करोड़ों रूपये के नोशनल इंटरेस्ट (Notional Interest) की मांग को लेकर दायर हिमुडा (HIMUDA) की अपीलों को शुक्रवार को खारिज कर दिया और एकल पीठ के फैसले पर मुहर लगा दी। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि हिमुडा प्रार्थियों से नोशनल इंटरेस्ट की मांग करने का हक नहीं रखती है। विशेषकर जब करार (Agreement) के दौरान इस तरह की शर्त नहीं रखी गई थी। ऐसी शर्त रखना कानून के विपरीत है।
अपील से जुड़े तथ्यों के अनुसार वर्ष 1989 में शिमला डेवलपमेंट अथॉरिटी (Shimla Development Authority) ने लोगों को सेल्फ फाइनेंस स्कीम के अंतर्गत 99 वर्षों के लिए प्लाट अलॉट (Plot Allotment) करने का ऑफर दिया था। 30 नवंबर 1989 तक आवेदन किया जाना था। ब्रोशर के मुताबिक 20 फ़ीसदी राशि की अदायगी प्लॉट के ड्रॉ होने से पहले की जानी थी। 50 फीसदी राशि का भुगतान कब्जे के लिए जारी पत्र की तारीख को किया जाना था। बाकी राशि का भुगतान कब्जा लेने की तारीख को करना था।
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प्लॉट की कीमत दोगुनी की
10 जनवरी 1994 को अलॉटी (Allottee) को यह सूचना दी गई कि भूमि की कीमत बढ़ने के कारण प्लॉट की कीमत लगभग दोगुनी हो जाएगी। प्लॉट वर्ष 1995 तक तैयार हो जाएगा और प्लॉट की बढ़ी हुई राशि 2430 रुपए के हिसाब से 30 किस्तों में की जानी है। अलॉटी ने इस राशि का भुगतान भी कर दिया। 11 अप्रैल 1996 को लीज अलॉटी के नाम हो गई। भूमि का कब्जा दिए जाने के बाद अलॉटी ने इस पर अपने घर बना दिए। हिमुडा ने कुल 5 करोड़ 13 लाख 36 हजार 451 रुपए नोशनल इंटरेस्ट की मांग की थी।