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हिमाचल हाईकोर्ट ने टिक्कर-खमाड़ी सड़क की दुर्दशा पर सरकार से मांगा जवाब
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने ननखरी तहसील की टिक्कर-खमाड़ी सड़क की दुर्दशा से जुड़े मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश ए ए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अधिवक्ता बलवंत सिंह ठाकुर द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के पश्चात प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में शपथपत्र दायर करने के आदेश दिए। कोर्ट ने सरकार को यह बताने को कहा है कि टिक्कर- खमाड़ी सड़क (Tikkar-Khamari Road) को पक्का करने बाबत क्या कदम उठाए जा रहे है। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार टिक्कर-खमाड़ी सड़क के पक्का ना होने से ननखरी तहसील की 18 पंचायत के लोगो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कई वर्षों से इस सड़क को न तो पक्का किया गया है न ही उपयुक्त मुरम्मत की गई है। यह एकमात्र ऐसी सड़क है जो ननखरी तहसील की 18 पंचायत के लोगो को राजमार्ग से जोड़ती है। याचिका कर्ता के अनुसार आज यह सड़क खुद अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर है। सड़क बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई है जिससे आए दिन हादसे होते रहते है। मामले पर सुनवाई 30 अगस्त को होगी।\
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मंडी में घने वन क्षेत्र से पेड़ों को काटकर सड़क निर्माण से जुड़ी याचिका पर की सुनवाई
हिमाचल हाईकोर्ट ने नाचन जिला मंडी में अत्यधिक घने वन क्षेत्रों से पेड़ों को काटकर सड़क निर्माण जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता सहित वन संरक्षक, मण्डी एवं डीएफओ नाचन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। मुख्य न्यायाधीश, ए ए सईद और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने चैल चौक जिला मंडी (Mandi) निवासी राजू द्वारा मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र पर स्वतः संज्ञान लेने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किए। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि पांच साल से अधिक समय से इस पद पर तैनात डीएफओ (DFO) नाचन के इशारे पर वन प्रभाग नाचन के कई वन क्षेत्रों में हजारों हरे पेड़ काट दिए गए हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि वन संरक्षण अधिनियम के तहत बिना मंजूरी के बेहद घने जंगल से पेड़ों को काटकर अवैध रूप से सड़कों का निर्माण किया गया है। याचिकाकर्ता ने डीएफओ नचन के खिलाफ जांच और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। वन प्रभाग नाचन के पूरे क्षेत्र में एफसीए की मंजूरी के बिना पिछले 3-4 वर्षों में सड़कों के निर्माण के संबंध में जांच के आदेश देने की प्रार्थना भी की है। प्रार्थी ने इस तरह की तबाही रोकने और जंगल, पर्यावरण और सरकारी धन बचाने के लिए डीएफओ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की भी मांग की है। मामले को तीन सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया जाएगा।
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