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सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के पदों को भरने में देरी पर हाईकोर्ट सख्त
विधि संवाददाता/शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े पदों को भरने (Filling Up Posts) में देरी पर कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने स्वास्थ्य सचिव से इन पदों को भरने में अपनी टालमटोल रणनीति को स्पष्ट करने के आदेश दिए। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट को सरकार की ओर से बताया गया था कि रोहडू हॉस्पिटल (Rohru Hospital) में 33 स्टाफ नर्सों के पदों में से 13 पद लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार किए गए वेटिंग पैनल (Waiting Panel) से भरे जाने हैं, जबकि 20 पद बैच वाइज भरे जाने है। कोर्ट ने आश्चर्य प्रकट किया कि जो बात सरकार की ओर से अभी बताई जा रही है वही बात 2 महीने पहले भी कोर्ट को बताई गई थी। स्वास्थ्य विभाग का कहना था कि यह पद मार्च 2024 तक भर लिए जायेंगे। इस पर कोर्ट ने सरकार की टालमटोल रणनीति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या सरकार यह जताना चाहती है कि मार्च 2024 तक संबंधित क्षेत्र में कोई बीमार नहीं पड़ेगा, या जो बीमार है उनकी बीमारी मार्च 2024 तक टल जाएगी।
कोर्ट ने पूछे थे कड़े सवाल
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि वह कब तक रोहड़ू सिविल अस्पताल में स्टाफ नर्सों (Staff Nurse) के खाली पड़े पदों को भर देगी। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा था कि कब तक रोहडू अस्पताल में पैरा मेडिकल स्टाफ के पदों को भरा जाएगा। कोर्ट ने सिविल हॉस्पिटल रोहडू में पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण लोगों को हो रही असुविधाओं पर स्वतः संज्ञान लिया है।
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मरहम पट्टी के लिए भटक रहे मरीज
एक दैनिक समाचार पत्र में छपी खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेने के पश्चात स्वास्थ्य निदेशक और बीएमओ (BMO) रोहड़ू को भी प्रतिवादी बनाया है। रोहड़ू में मरहम पट्टी के लिए भटक रहे मरीज शीर्षक से छपी खबर में बताया गया था कि सिविल अस्पताल रोहड़ू में पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण मरीज मरहम पट्टी के लिए भटक रहे है। बताया गया था कि अस्पताल में हर दिन 400 से 500 तरह की ओपीडी होती है और मरीजों को मरहम पट्टी की जरूरत रहती है। अस्पताल में अभी नर्सों के 31 पदों में से लगभग आधे पद खाली चल रहे है। इसी तरह फार्मासिस्ट के नौ पदों में से अधिकतर पद खाली पड़े हैं। खबर में बताया गया था कि यदि कोई पैरा मेडिकल स्टाफ कार्य दिवस के दौरान छुट्टी पर जाता है तो चिकित्सकों को खुद ही मरहम पट्टी करनी पड़ती है। अस्पताल में इन पदों को भरने के लिए कई बार गुहार लगाई गई है लेकिन, अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने इन पदों को भरने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए है।