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शिमला को बंदरों के आतंक से मुक्त करने के मामले में केंद्रीय पशु कल्याण बोर्ड को नोटिस
शिमला। शिमला में बंदरों के आतंक से छुटकारा पाने के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (HP High Court) ने केंद्रीय पशु कल्याण बोर्ड को नोटिस जारी किया है। अदालत ने बंदरों और लावारिस कुत्तों (Monkey and Stray Dogs) से निजात पाने के लिए राज्य सरकार को तिरूमाला तिरूपति संस्थान से संपर्क साधने के आदेश दिए हैं। अदालत ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 17 जुलाई को निर्धारित की है। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवस्थान (Tirupati Devsthanam) ने बंदरों के खतरे का सफलतापूर्वक उन्मूलन किया है। अदालत ने टुटू के पास बंदरों के आतंक से युवती की मौत पर कड़ा संज्ञान लिया है। केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय (Environment Ministry) सहित प्रधान सचिव वन, उपायुक्त शिमला, आयुक्त नगर निगम और डीएफओ वन्य जीव को प्रतिवादी बनाया गया है।
कोर्ट ने पशु कल्याण बोर्ड, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (पशुपालन और डेयरी विभाग) के सचिव, फरीदाबाद, हरियाणा के माध्यम से शिमला शहर में बंदरों के खतरे से निपटने के लिए सुझाव देने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने कहा कि तिरुपति मंदिर परिसर में बंदरों के खतरे का सफलतापूर्वक उन्मूलन कर दिया गया है। कोर्ट ने मामले से जुड़े समय समय पर दिए आदेशों की स्टेट्स रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है।