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सुक्खू सरकार की दरियादिली-नौकरी को लेकर नियमों में छूट देने की तैयारी
Sukhu Government Preparing To Relax Rules Regarding Jobs For Compassionate Dependents : शिमला। सुक्खू सरकार (Sukhu Government) करुणामूलक आश्रितों (Compassionate Dependents) के लिए नौकरी (Jobs) को लेकर नियमों में छूट देने की तैयारी है। छूट के तहत वार्षिक आय सीमा में बढ़ोतरी के साथ ही एक बार रिजेक्ट केस पर दोबारा विचार ना करने की शर्त को भी वापस लिया जा सकता है। लंबे समय से करुणामूलक आश्रित नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आश्रितों की मांगों पर विचार करने के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर (Education Minister Rohit Thakur) की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी ने भी सिफारिशें की हैं। वन टाइम सेटलमेंट (One Time Settlement) के तहत आश्रितों को राहत देने की कमेटी ने तैयारी की है। इस तरह का प्रस्ताव वित्त विभाग के पास पहुंच गया है। माना जा रहा है कि कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में इसका एजेंडा जल्द लाया जा सकता है।
प्रदेश में 3234 मामले लंबित
सरकारी नौकरी करते हुए किसी भी कर्मी की मौत हो जाने पर उसके परिवार को करुणामूलक आधार पर नौकरी दिए जाने की व्यवस्था रखी गई है। लेकिन इस वक्त इस तरह के 3234 मामले लंबित पड़े हैं। विभागों में 1531 और निगम-बोर्ड में 1703 मामलों में आश्रित उच्च शिक्षा प्राप्त होने के कारण उच्च पदों पर नियुक्तियों की मांग कर रहे हैं। इसके चलते ही सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने करुणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों का विभागों से ब्योरा मंगवाया है। सरकार एक नई करुणामूलक रोजगार नीति बनाने पर विचार कर रही है।
आय सीमा 2.50 लाख तक हो सकती है तय
करुणामूलक आश्रितों को नौकरी देने के लिए तय 62,500 रूपए एक व्यक्ति की सालाना आय शर्त (Annual Income Condition) को खत्म किया जा सकता है। आय सीमा को 2.50 लाख रुपए तक तय किया जा सकता है। इसी तरह (During The BJP Regime) बीजेपी शासनकाल में 22 सितंबर 2022 को जारी अधिसूचना को भी वापस लेने पर विचार हो रहा है। बीजेपी ने सत्ता में रहते इस अधिसूचना के तहत एक बार रिजेक्ट केस पर दोबारा विचार नहीं करने का फैसला लिया था। इस अधिसूचना के कारण कई करुणामूलक आश्रित नौकरी की दौड़ से बाहर हो चुके हैं। लेकिन सुक्खू सरकार इस अधिसूचना को वापस लेकर करुणामूलक आश्रितों को राहत देना चाहती है।
-राहुल कुमार