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हिमाचल के पर्यटन उद्योग को लगी आपदा की नजर, करोड़ों का नुकसान
शिमला। हिमाचल प्रदेश में बारिश के तांडव के बाद सड़कें अवरुद्ध (Roads Blocked) हैं। चारों तरफ तबाही के मंजर के बीच इस समय पीक पर रहने वाला पर्यटन उद्योग (Tourism Industry) को आपदा की नजर लग गई है। एक अनुमान के अनुसार सालाना 15 हजार करोड़ रुपए की आय प्राप्त करने वाली टूरिज्म इंडस्ट्री को अगले 6 महीने में करीब 7000 करोड़ रुपए का झटका लग सकता है। इसके अलावा परोक्ष और अपरोक्ष रूप से लगभग 8 लाख लोगों का रोजगार इस प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित हुआ है।
शिमला होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंदर सेठ ने बताया कि राज्य में बारिश और भूस्खलन के डरावने नजारे दिखाए जा रहे हैं, जिससे पर्यटन को नुकसान हो रहा है। पर्यटन से जुड़े कारोबारी, टैक्सी चालक, घुड़सवारी कराने वाले के साथ सरकार को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है। हिमाचल के प्रति लोगों के मन में डर पैदा हो गया है, जिसे दूर करने की जरूरत है। आपदा के बाद सकारात्मक पक्ष को देखने की जरूरत है।
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होटल इंडस्ट्री को सर्वाधिक नुकसान
हिमाचल प्रदेश में 10,000 से अधिक होटल व होमस्टे (Hotels and Homestay) रजिस्टर्ड हैं। सबसे अधिक होटल कुल्लू, शिमला और धर्मशाला में रजिस्टर्ड है। ऐसे में इस होटल इंडस्ट्री से प्रदेश में 3 लाख लोगों को भी प्रत्यक्ष रूप से कारोबार मिलता है, जबकि 5 लाख ऐसे लोग हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से इस कारोबार से अपना घर चला रहे हैं। जुलाई और अगस्त की प्राकृतिक आपदा के बाद होटल इंडस्ट्री को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। अगर सड़कों का हाल आगे भी इसी तरह का बना रहा तो पर्यटन का कारोबार इस साल 8000 करोड़ तक ही सीमित कर रह जाएगा।