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हिमाचल की इकलौती सीट यहां अभी तक नहीं खिला कमल
हिमाचल प्रदेश में एक सीट ऐसी भी है, जहां अभी तक कमल खिल नहीं पाया है। यानी रिवाज बदलने की बात करने वाली बीजेपी इस मर्तबा इस सीट को किसी भी हालत में जीतना चाहती है। इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से यहां दो ही बार चुनाव हुआ और दोनों ही बार कांग्रेस ने परचम लहराया। मजेदार बात ये है कि पहली मर्तबा पिता व दूसरी मर्तबा बेटे ने इस सीट पर जीत दर्ज करवाई। अब आप समझ गए होंगे कि हम बात कर रहे हैं राजधानी शिमला की दूसरी सीट शिमला ग्रामीण की। शिमला ग्रामीण सीट (Shimla Rural Seat) परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। यहां से वर्ष 2012 में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे वीरभद्र सिंह (Veteran Congress leader Virbhadra Singh) ने जीत दर्ज करवाई। वर्ष 2017 में उन्होंने शिमला ग्रामीण बेटे विक्रमादित्य के लिए सीट को छोड दिया। विक्रमादित्य ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जीत का डंका बजाया।
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हिमाचल प्रदेश की शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट के इतिहास की बात की जाए तो यह सीट शिमला सीट का हिस्सा है। शिमला ग्रामीण सीट पहले शिमला के नाम से ही जानी जाती थी। वर्ष 2008 के बाद इसका परिसीमन कर दिया गया, जिसके बाद शिमला ग्रामीण और शिमला शहरी सीट अस्तित्व में आई। इस सीट पर अभी तक कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद अभी तक यहां दो बार चुनाव हुए हैं। यहां से पहली बार कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह चुनावी मैदान उतरे थे, उन्हें इस क्षेत्र की जनता ने पूर्ण बहुमत देकर जीत दिलाई। इसके बाद वे प्रदेश के सीएम भी बने। वहीं वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को चुनावी मैदान में उतारा गया और इस क्षेत्र की जनता ने उन्हें जिताकर अपना विधायक चुना। इस क्षेत्र में 2017 में कुल 53.27 प्रतिशत वोट पड़े थे। इस दौरान कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने बीजेपी के डॉ प्रमोद शर्मा (Dr. Pramod Sharma of BJP) को 4880 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। बता देंए 2017 विधानसभा चुनाव में विक्रमादित्य सिंह कुल 23,395 वोट व बीजेपी (BJP) के डॉ प्रमोद शर्मा 23,395 को वोट मिले थे। वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के दौरान इस क्षेत्र में 70 हजार से वोटर थे। इनमें करीब 36,978 पुरुष मतदाता थे और 34,639 महिला वोटर थीं। इस विधानसभा क्षेत्र में राजपूत और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।