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पिता की पीठ पर बैठकर स्कूल जाती है आरुषि; हाईकोर्ट ने कहा- 2 माह में सड़क बनवाओ
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने शनिवार को मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाले आदेश में डीसी सिरमौर (DC Sirmour) को 2 माह के भीतर शिलाई उपमंडल के जामली से डुंगड कितेश वाया समदी मोहाल धारवा, लिंक रोड बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश दिव्यांग बालिका आरुषि (Specially Able Girl Arushi) की याचिका पर दिया है, जो रोज अपने पिता की पीठ पर बैठकर स्कूल जाने को मजबूर है।
याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी चलने में असमर्थ है। इसीलिए वह हर रोज अपने पिता की पीठ पर बैठकर स्कूल जाने के लिए मजबूर है। संबंधित ग्राम पंचायत ने सड़क बनाने के लिए बार-बार पारित प्रस्ताव पारित किए। इसे ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने दो साल पहले सड़क के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, लेकिन आज तक सड़क नहीं बनी। आरुषि अपने मूल स्थान यानी पांवटा से 85 किलोमीटर दूर रहती हैं। उसकी दलील थी कि सड़क तक पहुंच का अधिकार प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार (Right of Road is a Fundamental Right ) है। विकलांग व्यक्ति के मामले में, विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत विशेष प्रावधान किया गया है। हाईकोर्ट ने उक्त अधिनियम की धारा 41(1)(सी) के तहत डीसी सिरमौर को आदेश जारी करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।
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