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मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर का इतिहास, मान्यता ऐसी कि देश-विदेश से पहुंचते हैं श्रद्धालु
Baba Bhootnath Temple : मंडी। व्यास नदी के तट पर स्थित मंडी में बाबा भूतनाथ मंदिर (Baba Bhootnath Temple) जो ‘छोटी काशी’ (Chhoti kashi) के नाम से प्रसिद्ध है, एक ऐतिहासिक (Historic) और धार्मिक स्थल है। भगवान शिव के एक रूप, भूतनाथ को समर्पित यह मंदिर 1527 ईस्वी में स्थापित किया गया था और तब से यहां भक्तों (devotees) की असीम श्रद्धा है। सावन के महीने में हर सोमवार को विशेष पूजा और भंडारे का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से भक्त शामिल होते हैं।
यहां हर रोज होती है आरती
मंदिर के अंदर प्राचीन वाद्य यंत्र और मूर्तियां (Ancient musical instruments and sculptures) इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं। रोज सुबह पांच बजे और शाम को आरती का आयोजन होता है, जिसमें श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। मंदिर में पूजा के दौरान दूध, दही, शहद, बिल और भांग पत्र का उपयोग किया जाता है, जो भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
राजा अजबर सेन को सपने में दिखे थे
मंदिर की एक खास मान्यता है कि एक समय एक ब्राह्मण की गाय रोज एक घने जंगल में जाकर अपने थनों से एक निश्चित स्थान पर दूध बहाती थी। इस अद्भुत घटना को देखने के बाद, राजा अजबर सेन को भगवान भूतनाथ ने स्वप्न में दर्शन देकर बताया कि जहां गाय दूध बहाती है, वहां एक शिवलिंग है। अगले दिन खुदाई के दौरान वास्तव में एक स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हुआ। इसके बाद, राजा अजबर सेन ने 1527 ईस्वी में इस स्थल पर शिखर शैली में बाबा भूतनाथ मंदिर का निर्माण करवाया। तब से यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बन गया है, जहां देश-विदेश से भक्त भगवान भूतनाथ के दर्शन करने आते हैं।