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बॉर्डर से पलायन रोकने में मददगार होगा नौतोड़ पर सुख सरकार का फैसला
शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुख सरकार की मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग (Cabinet Meeting) में नौतोड़ नियम 1968 को अगले दो साल के लिए क्रियान्वित करने को मंजूरी एक बड़ा कदम माना जा रहा है। प्रदेश के जनजातीय (Tribal Area), खासकर बॉर्डर के इलाकों में यह सुक्खू की कांग्रेस सरकार के लिए सियासी मास्टरस्ट्रोक (Political Masterstroke) साबित हो सकता है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने यहां कहा कि इससे सीमावर्ती जिलों में पलायन रुकेगा और लोगों को बसाने में मदद मिलेगी।
नौतोड़ का नियम असल में वन संरक्षण कानून 1980 पर हावी होता है और इसीलिए हिमाचल सरकार इस नियम को लागू करने के लिए राज्यपाल से वन संरक्षण कानून (Forest Conservation Act) को निलंबित करने की सिफारिश करेगी। नेगी ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में जिन किसानों के पास 20 बीघा से कम जमीन है, उन्हें घरेलू कार्यों के लिए जमीन देने का प्रावधान नौतोड़ नियम के तहत है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने विपक्ष में रहते हुए इस कानून को लागू करने की मांग उठाई थी, लेकिन तत्कालीन बीजेपी सरकार ने इसे अनसुना कर दिया।
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यह हैं नौतोड़ के नियम
नेगी ने कहा कि कैबिनेट ने इसके लिए ट्राइबल एरिया में फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट 1980 को सस्पेंड करने तथा राज्यपाल को इसकी रिकोमेंडेशन भेजने का निर्णय लिया गया, क्योंकि भारत के संविधान में फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट सस्पेंड करने की शक्तियां राज्यपाल को दी गई है। नौतोड़ क्षेत्र नेशनल पार्क, वन सेंचुरी, संरक्षित क्षेत्र (कंजर्वेशन रिजर्व), सामुदायिक संरक्षित (कॉम्यूनिटी रिजर्व), वन संरक्षित, डीपीएफ के अन्तर्गत नहीं होना चाहिए और नौतोड़ के लिए प्रस्तावित भूमि में खड़े पेड़ों की संख्या दो से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह भूमि केवल घरेलू उपयोग के लिए ही उपलब्ध करवाई जाएगी और संबंधित व्यक्ति की किसी भी प्रकार के वन अपराधों में संलग्नता नहीं होनी चाहिए। इसके तहत जनजातीय लोगों को नौतोड़ नियमों के तहत अधिकतम 20 बीघा तक जमीन दी जा सकेगी।
छोटा हेलीकॉप्टर खरीदेगी सरकार
सुक्खू सरकार की कैबिनेट मीटिंग में छोटा हेलिकॉप्टर (Small Chopper) लेने को मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार के पास दो महीने से अपना चौपर नहीं है। इसके लिए सरकार ने टेंडर आमंत्रित कर रखे है। कैबिनेट ने एल-वन बोली दाता कंपनी से हेलिकॉप्टर लेने का निर्णय लिया है।