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HJS परीक्षा: अयोग्य ठहराए आवेदनकर्ताओं की याचिकाएं हाईकोर्ट ने कीं खारिज
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने HJS परीक्षा के लिए समय पर चरित्र प्रमाण न देने पर अयोग्य ठहराए आवेदनकर्ताओं की याचिकाएं खारिज कर दी है। सिविल जज के लिए 9 जुलाई को होने वाली छंटनी परीक्षा के लिए लोकसेवा आयोग (Lokseva Ayog) ने 1700 आवेदन रद्द कर दिए थे। आयोग ने दलील दी थी कि अस्वीकृत उम्मीदवारों ने नियमों के अनुरूप दस्तावेज अपलोड (Documents Upload) नहीं किए थे। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने नेहा शर्मा और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए यह निर्णय सुनाया।
कोर्ट ने कहा कि सरकारी प्राधिकरण से जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्र जैसे जाति, उपजाति, अनुसूचित जाति, चरित्र, स्थायी निवासी आदि प्रमाण पत्रों को आवेदन करने की अंतिम तिथि से पहले कई बार प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसलिए ऐसे प्रमाण पत्रों को आवेदन करने की अंतिम तिथि के बाद भी जमा करवाया जा सकता है। परंतु याचिकाकर्ताओं को जो चरित्र प्रमाण पत्र अपलोड करने थे वे किसी सरकारी प्राधिकरण से जारी नहीं किए जाने थे। उम्मीदवारों को दो राजपत्रित अधिकारियों से चरित्र प्रमाण पत्र अपलोड करने थे, जो कि आसानी से प्राप्त किए जा सकते थे।
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यह है पूरा मामला
आयोग के अनुसार सिविल जज परीक्षा के लिए 22 अप्रैल 2023 को अधिसूचना जारी की गई थी। उम्मीदवारों को निर्धारित नियमों के अनुरूप दस्तावेज अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे। 28 अप्रैल, 10 मई और 12 मई 2023 को आयोग ने उम्मीदवारों से नियमों के अनुरूप दस्तावेज अपलोड करने के दोबारा निर्देश दिए थे। कोर्ट को बताया गया कि इसके बावजूद भी याचिकाकर्ताओं ने अपने प्रमाणपत्र अपलोड नहीं किए। आयोग ने दलील दी कि सिविल जज के लिए 9 जुलाई को छंटनी परीक्षा निर्धारित की गई है। सभी उम्मीदवारों के लिए रोल नंबर और परीक्षा केंद्र आवंटित किए जा चुके है। परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र भी उसी हिसाब से छपवाए गए हैं। यदि याचिकाकर्ताओं को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाती है तो यह आयोग के लिए असुविधा का कारण बनेगा। कोर्ट ने आयोग की दलीलों से सहमति जताते हुए सभी याचिकाएं खारिज कर दी।