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India South Africa ODI: साफ रहेगा मौसम, HPCA को करवाना होगा कन्या पूजन
Last Updated on March 7, 2020 by Deepak
धर्मशाला। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में 12 मार्च को भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जाने वाले वन-डे (India South Africa ODI) सीरीज के पहले मैच के दौरान इंद्र देवता मौसम सामान्य रखें, इसी कामना को लेकर एचपीसीए (HPCA) ने शनिवार को धर्मशाला के पीठासीन देवता इंद्रु नाग के खनियारा स्थित प्राचीन मंदिर में हवन यज्ञ कर भंडारे का आयोजन किया। भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जाने वाले मैच के लिए हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इंद्रु नाग मंदिर में यज्ञ हवन कर धर्मशाला में मैचों के सफल आयोजन की मन्नत मांगी।
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इंद्र देवता के गुर चेलों भानी राम व सुरेश कुमार ने गुर खेल (खेलपात्र) डालकर एचपीसीए के पदाधिकारियों को क्षेत्र के प्राचीन अघंजर महादेव, त्रेला देवता व खटासनी मंदिर में रविवार को हवन यज्ञ करने का आदेश दिया। हवन यज्ञ करने के साथ 9 कन्याओं का पूजन करने को भी कहा है। इसके अतिरिक्त खेल पात्र में गुरों ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि 12 मार्च को मौसम साफ़ रहेगा और मैच का सफल आयोजन होगा, लेकिन इसके लिए मैच आरंभ होने से पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में 9 कन्याओं का पूजन करना होगा।
इंद्रु नाग को माना जाता है बारिश का देवता
क्षेत्र में मान्यता है कि इंद्रु नाग न केवल धौलाधार क्षेत्र का पीठासीन देवता है और इसे बारिश का देवता माना जाता है, जो भगवान इंद्र के साक्षात रूप हैं। यहां तक की प्रशासन भी किसी भी बड़े उत्सव से पूर्व यहां हाजिरी लगाना कभी नहीं भूलता। इंद्रु नाग देवता धौलाधार की तलहटी में बसे ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी आपदा से बचाव एवं समस्याओं के समाधान में अहम भूमिका निभाता रहा है और ग्रामीण भी इस देवता के हर आदेश को अक्षरक्ष पालन करते हैं।
इंद्रु नाग मंदिर की विशेषता यह है कि मंदिर में पूजा अर्चना तो हिंदू पंडित करते हैं, लेकिन देवता को प्रसन्न करने के लिए वाद्य यंत्र व शहनाई वादन का कार्य पूर्व काल से मुस्लिम समुदाय के दो परिवार करते आ रहे हैं। इंद्रु नाग की पूजा इंद्रदेव के रूप में की जाती है और जब भी बारिश की आवश्यकता हो या फिर मौसम साफ चाहिए हो तो ग्रामीण भगवान श्री इंद्रु नाग मंदिर में गुर खेल (खेलपात्र) के दौरान भगवान के गुर के माध्यम से सुझाए मार्ग अनुसार पूजा कर उनके आशीर्वाद से बारिश व बारिश से राहत हासिल करते हैं। यहां हिंदू-मुस्लिम एक साथ पूजा करते हैं।
भगवान श्री इंद्रु नाग मंदिर का इतिहास
खनियारा स्थित भगवान इंद्रु नाग मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। हालांकि इसके बारे में ग्रामीणों सहित मंदिर के पुजारी भी इतना ही जानते हैं कि यहां एक वान के पेड़ के नीचे भगवान के पदचिह्न मिले थे और उसके बाद यहां चंबा का एक राजा पहुंचा था। इसकी कोई संतान नहीं थी। भगवान इंद्रु नाग ने उसे स्वप्न में दर्शन देकर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था। इसके अगले ही दिन स्वप्न में दिखे स्थान पर पहुंच राजा ने भगवान इंद्रु नाग की पूजा अर्चना की और उसके अगले वर्ष वह अपने बेटे सहित पहुंचा और पूजा अर्चना करने के बाद भगवान का मंदिर बनवाने के साथ इस क्षेत्र की जमीन को मंदिर के नाम कर दिया। इसके बाद से मंदिर में विशेष पूजा का दौर शुरू हुआ और यहां जो भी श्रद्धालु अपनी मन्नत लेकर आया उसकी हर मनोकामना भगवान ने पूरी की।
बारिश हुई तो 20 मिनट में सुख जाएगा ग्राउंड
एचपीसीए के चीफ पिच क्यूरेटर सुनील चौहान ने बताया कि स्टेडियम का निर्माण नई तकनीक से हुआ है, जिससे बारिश होने की सूरत में 20 मिनट के अंदर ही मैदान को सूखा कर खेलने के लिए तैयार होगा। आउट फील्ड सुखाने के लिए हाईटेक मशीनें हैं। प्रेक्टिस एरिया तैयार दोनों टीमों के खिलाड़ियों के प्रेक्टिस एरिया तैयार है। यहां आंगुतकों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। स्टेडियम के भीतर इंडोर स्टेडियम में खिलाड़ियों के वार्मअप के लिए जिम और मशीनें हैं।