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HPPSC ने किया क्लास वन-टू की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव, यहां पढ़ें क्या कुछ बदला
शिमला। कोरोना संकट के बीच हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग (HPPSC) ने क्लास वन और टू (Class One-Two) की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया है। ऐसा भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए किया गया है। नई भर्ती प्रक्रिया के अनुसार जिन पदों को भरने के लिए आरएंडपी नियम स्पष्ट नहीं है, उनको सिर्फ इंटरव्यू के अंकों (Interview scores) के आधार पर नहीं भरा जाएगा। इसमें अब लिखित परीक्षा के 65 फीसदी और इंटरव्यू के 35 फीसदी अंकों के आधार पर उम्मीदवारों का चयन होगा। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल डीवीएस राणा की अध्यक्षता में हुई सदस्यों की बैठक में नई प्रक्रिया (New process) को मंजूरी दे दी गई।
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पहले इन पदों के लिए होते थे स्क्रीनिंग टेस्ट
मेजर जनरल राणा ने बताया कि नई व्यवस्था बोर्डों, निगमों के विभिन्न पदों सहित डॉक्टरों, कृषि विकास अधिकारी, बागवानी विकास अधिकारी, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट इंजीनियरों के पदों की भर्ती के लिए है। पहले इन पदों के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट (screening test) होते थे। इस परीक्षा के आधार पर छंटनी होती थी। यह नंबर मेरिट में शामिल नहीं होते थे। एक पद के लिए टॉप तीन चुने जाते थे। नौकरी के लिए चयन इंटरव्यू के अंकों पर निर्भर था। इंटरव्यू के अंक बराबर होने की स्थिति में ही लिखित परीक्षा के अंक देखे जाते थे।

इंटरव्यू में सामान्य वर्ग के लिए 45, आरक्षित वर्ग के लिए 35 फीसदी अंक लेना अनिवार्य
नई प्रक्रिया के बाद लिखित परीक्षा में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 30 फीसदी और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को 25 फीसदी अंक लेने होंगे। इंटरव्यू में सामान्य वर्ग के लिए 45 फीसदी और आरक्षित वर्ग के लिए 35 फीसदी अंक लेना अनिवार्य होगा। चयन प्रक्रिया में बदलाव एचएएस, वन सेवाएं, एलाइड सेवाएं, नायब तहसीलदार और न्यायिक सेवा की भर्ती पर लागू नहीं होगा। अब एक पद के लिए एक ही आवेदन आने पर भी लिखित परीक्षा होगी। इसके अलावा इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवार की निजी जानकारी नहीं पूछी जाएगी।
