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हिमाचलः एचआरटीसी बसों के 800 रूट मर्ज, हर रोज 40 लाख का घाटा
Last Updated on January 16, 2022 by
शिमला। प्रदेश में बढ़ते कोरोना (Corona) के चलते अब यात्रियों की कमी के चलते बाहरी राज्यों के अलावा अब हिमाचल (Himachal) में भी रूट मर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हिमाचल में कोरोना के बढ़ते मामलों और फाइव डे वीक के चलते परिवहन निगम को सवारियां नहीं मिल रही हैं। ऐसे में निगम प्रबंधन को प्रतिदिन 35 से 40 लाख रुपए का घाटा हो रहा है। शनिवार और रविवार को जिन रूटों पर चार बसें भेजी जा रही थीं, वहां दो बसें भेजी गईं। सिंगल रूट पर चलने वाली बसों को नहीं छेड़ा गया है।
हिमाचल में दो दिन के भीतर करीब 800 रूट मर्ज किए गए हैं। बाहरी राज्यों के लिए पहले 13 रूट मर्ज किए गए थे। अब 30 रूटों पर बसें नहीं भेजी गई हैं। बाहरी राज्यों दिल्ली (Delhi), चंडीगढ़, हरियाणा और उत्तराखंड से हिमाचल आने वाली बसों में भी नाममात्र सवारियां हैं। इधर, परिवहन निगम ने बसों में सफर करने वाले यात्रियों को नए दिशा- निर्देश जारी कर दिए हैं। बिना मास्क कोई भी व्यक्ति सफर नहीं कर सकेगा। सर्दी-खांसी और जुकाम वाले यात्रियों को बस में बैठने नहीं दिया जाएगा। परिचालकों को अपनी सुरक्षा को देखते हुए टिकट काटने को कहा गया है। एचआरटीसी की बसों में ओवर लोडिंग नहीं होगी।
मनाली से दिल्ली तीन वोल्वो, एक एसी बस सेवा बंद
परिवहन सेवाओं पर कोरोना का असर देखने को मिल रहा है। बढ़ते संक्रमण के बीच पाबंदियां लगने से हिमाचल पथ परिवहन निगम को नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में निगम के कुल्लू (Kullu) डिपो ने भी लंबे रूटों पर बसों को समायोजित करना शुरू कर दिया है। निगम ने मनाली (Manali) से दिल्ली के लिए पांच लग्जरी रूटों में चार को बंद कर दिया है। एक एसी और तीन वोल्वो बसों का दिल्ली के लिए अब संचालन नहीं किया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए महज एक वोल्वो बस ही भेजी जाएंगी।
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