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मैड़ी मेले में झंडा चढ़ाने की रस्म निभाई, श्रद्धालुओं ने चरणगंगा में किया पवित्र स्नान
Last Updated on March 9, 2020 by Deepak
ऊना। यूं तो होला मोहल्ला पूरे पंजाब में खूब धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन पंजाब के साथ लगते राज्यों में भी यह उसी जोश के साथ मनाया जाता है। होला मोहल्ले (Hola Mohalla) का यही हर्षोल्लास हिमाचल प्रदेश के ऊना ज़िले (Una district) के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल डेरा बाबा बड़भाग सिंह में भी दिखाई देता है जहां मेले के मद्देनजर डेरे सहित पूरे इलाके को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। यहां होला मोहल्ला का आयोजन पूरे दस दिन तक किया जाता है। यहां हर बार की तरह मेले के आठवें दिन श्रद्धालुओं का खूब सैलाब उमड़ा। मेले के आठवें दिन हर साल की तरह झंडा चढ़ाने की रस्म अदा की गई। वहीं, 11-12 मार्च की अर्धरात्रि को पंजा साहिब का प्रसाद वितरित किया जाएगा। इसके साथ ही 3 मार्च से शुरू हुए मेले का 12 मार्च को समापन हो जाएगा।
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होला मोहल्ला मेला हर वर्ष फाल्गुन के विक्रमी महीने में पूर्णिमा के दिन आयोजित किया जाता है। दस दिन तक मनाया जाने वाला यह मेला देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी खासा प्रसिद्ध है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल तथा देश के अन्यों हिस्सों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु इस मेले में शरीक होने के लिए आते हैं। मेले में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद को देखते हुए पुलिस प्रशासन (Police administration) ने सुरक्षा चाक चौबंद की है। मेला क्षेत्र को नौ सेक्टरों में बांटा गया है तथा प्रत्येक सेक्टर में एक-एक सेक्टर मैजिस्ट्रेट तथा एक-एक पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की गई है। मेले में 1400 के करीब पुलिस और होमगार्ड के जवानों की तैनाती की गई है। असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए मेला क्षेत्र में जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरा भी स्थापित किए गए हैं। श्रद्धालुओं की मानें तो यहां पर सच्चे मन से जो भी मुराद मांगी जाए बाबा जी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
डेरा बाबा बड़भाग सिंह में मंजी साहिब में झंडे की रस्म के दौरान हजारों की तादाद में श्रद्धालु मौजूद रहे। मंजी साहिब के गद्दीनशीन संत स्वर्णजीत सिंह ने इस अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। संत स्वर्णजीत सिंह ने कहा कि इस स्थान पर सभी धर्मों के लोग नतमस्तक होते हैं और यह मेला एकता व भाईचारे का प्रतीक है। वहीं, होला मोहल्ला मेले के आठवें दिन चरणगंगा में भी हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। चरणगंगा में श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। चरणगंगा के सेवादार विजय गोस्वामी ने बताया कि यह वीर नाहर सिंह का स्थान है। जब बाबा बड़भाग सिंह करतारपुर पंजाब से इस स्थान पर आए तो जहां पर वीर नाहर सिंह का बहुत आतंक था। बाबा बड़भाग सिंह ने अपनी शक्तियों और बाणी के साथ वीर नाहर सिंह को सीधे रास्ता दिखाया। विजय गोस्वामी की मानें तो इस स्थान पर स्नान करने से शारीरिक, मानसिक और नि:संतान दुखियों के सभी दुःख दूर होते हैं।