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ऊना में उद्योग बंद होने से सैकड़ों कामगार सड़कों पर, 9 महीने का वेतन भी नहीं मिला
ऊना। पंजाब की सीमा से सटे जिला ऊना (Una) के गांव सिंगा में बूट बनाने वाली एक कंपनी द्वारा अचानक उद्योग (Industry) को बंद किए जाने से इस उद्योग में काम करने वाले करीब 300 कामगार बेरोजगार (Workers Unemployed) हो चुके हैं। हालत यह है कि इन मजदूरों का जनवरी 2023 से लेकर अभी तक का वेतन भी उद्योग प्रबंधन द्वारा उन्हें नहीं दिया गया है। बुधवार को इन सभी कामगारों ने महर्षि वाल्मीकि और गुरु रविदास यूथ महासभा के बैनर तले जिला मुख्यालय के एमसी पार्क से उपायुक्त कार्यालय तक रोष रैली निकाली। इस मौके पर महासभा के पदाधिकारी बलराम महेश ने कहा कि कामगारों को उनका हक दिलाने के लिए आवाज बुलंद की गई है।
कामगारों की चेतावनी
उन्होंने कहा कि बंद पड़े उद्योग से बिना किसी को सूचना दिए प्रबंधन (Management) के इशारे पर एक व्यक्ति चार ट्रक लेकर सामान को उठाने का काम कर रहा था जिसे महासभा के हस्तक्षेप से रोक लिया गया है। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन इस उद्योग को पूरी तरह सील करें। जब तक कर्मचारियों का बकाया उन्हें वापस नहीं दिया जाता तब तक किसी को भी वहां से सामान हटाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 15 अक्टूबर तक कामगारों को उनका हक वापस नहीं दिया जाता तो महासभा 16 अक्टूबर को कामगारों के परिवारों को साथ लेकर जोरदार प्रदर्शन (Demonstration) करेगी।
कई महीनों से नहीं मिला वेतन
दूसरी तरफ उद्योग में काम करने वाली महिला कामगार (Woman Worker) ने बताया कि उद्योग प्रबंधन द्वारा जनवरी 2023 से लेकर अभी तक का वेतन भी उन्हें नहीं दिया गया जिसके चलते उनके परिवार कई दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि जिला प्रशासन इस मामले में दखल दे और कामगारों की बकाया सैलरी के साथ-साथ उनके अन्य जायज हक उन्हें दिलाने में पहल की जाए।