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नई दिल्ली। दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे सिस्टम भारतीय रेल सिस्टम है। देश की पहली AC बोगी ट्रेन फ्रंटियर मेल (Frontier Mail Train) थी। फ्रंटियर मेल को ठंडा रखने के लिए एक खास तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता था। उस समय ट्रेन को ठंडा रखने के लिए बर्फ की सिल्लियों का इस्तेमाल किया जाता था। बोगी के नीचे बॉक्स में बर्फ रखकर पंखा लगाया जाता था और उस पंखे के सहारे यात्रियों को ठंडक पहुंचाई जाती थी।
फ्रंटियर मेल ट्रेन मुंबई से अफगान बार्डर और पेशावर तक चलती थी। ये ट्रेन अपना सफर 72 घंटे में दिल्ली, पंजाब और लाहौर होते हुए पेशावर तक पहुंचती थी। इस दौरान पिघले हुए बर्फ को अलग-अलग स्टेशनों पर निकाल कर भरा जाता था। उस समय ट्रेन में अंग्रेज अफसर और स्वतंत्रता सेनानी सफर किया करते थे, जिसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी शामिल हैं।
फ्रंटियर मेल (Frontier Mail Train) देश की पहली AC ट्रेन है जिसमें सबसे पहले AC बोगी का इस्तेमाल किया गया था। इस ट्रेन ने अपना सफर 1 सितंबर 1928 को शुरू किया था। तब ये राजधानी जैसी ट्रेनों जैसा महत्व रखती थी। ये बेहद खास ट्रेन थी। आजादी के बाद ये ट्रेन मुंबई से अमृतसर तक चलाई जाने लगी। 1996 में इसका नाम बदलकर ‘गोल्डन टेम्पल मेल’ कर दिया गया। पहले इस ट्रेन को पंजाब एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता था, लेकिन 1934 में जब इसमें AC कोच जोड़ा गया तो इसका नाम बदलकर फ्रंटियर मेल रख दिया गया। 1930-40 तक इस ट्रेन में 6 बोगियां होती थीं जिसमें 450 लोग सफर किया करते थे. वहीं सफर के दौरान फर्स्ट और सेकंड क्लास यात्रियों को खाना, अखबार, किताबें आदि सुविधाएँ दी जाती थी।
फ्रंटियर मेल ट्रेन की खासियत थी कि ये कभी लेट नहीं होती थी। कुछ साल पहले एक बार जब ट्रेन लेट हुई तो सरकार ने कार्रवाई करते हुए ड्राइवर को नोटिस भेजकर जबाव तलब किया था। ट्रेन में सामान्य, स्लीपर, 1st क्लास, 2nd क्लास और 3rd क्लास तरह की बोगियां होती हैं। भारतीय रेलवे देश की मूल संरचनात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने और क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही राष्ट्रीय आपात स्थिति के दौरान आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में भी भारतीय रेलवे श्रेष्ठ रहा है। देश के औद्योगिक और कृषि क्षेत्र की प्रगति ने रेल परिवहन की उच्च स्तरीय मांग का सृजन किया है। भारतीय रेल के दो मुख्य सेवा हैं – माल वाहन और सवारी। माल खंड लगभग दो तिहाई राजस्व जुटाता है जबकि शेष सवारी यातायात से आता है।
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