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पहले के समय में इन 5 खतरनाक तरीकों से महिलाएं खुद करती थीं अपना #Abortion, जानें
नई दिल्ली। आज के समय में तो किसी भी लड़की के अबॉर्शन के लिए कई तरह के मेडिकल ट्रीटमेंट या दवाईयां आ गई हैं जिसके जरिये वो अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को अबो्र्ट कर सकती हैं लेकिन पुराने समय में ये कुछ भी नहीं हुआ करता था। पहले के दौर में तो अबॉर्शन करने के ऐसे-ऐसे उपाय किये जाते थे जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। आज हम आपको ऐसे ही 5 खतरनाक तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसकी मदद से महिलाएं पहले के समय में खुद से ही अपना अबॉर्शन किया करती थीं।
मगरमच्छ के मल से अबॉर्शन
कहा जाता था कि मगरमच्छ के मल में शुक्राणुनाशक गुण होते हैं। इसलिए इसे महिलाओं की योनि में डाला जाता था ताकि गर्भपात हो सकें।
पेनिरायल चाय
यह चाय जड़ी बूटी पेनिरायल और मेंथा पुलेगियम (Pennyroyal or Mentha Pulegium) को मिलाकर बनाई जाती थी। पेनिरायल वास्तव में पुदीना का एक प्रकार है, लेकिन यह गर्भपात की बहुत ही सफल दवाई के रूप में जाना जाता था। इसकी केवल पांच ग्राम की मात्रा ही काफी जहरीली होती है। इसका उपयोग महिलाएं गर्भ गिराने के लिए करती थी, लेकिन कई बार यह उनके लिए खतरनाक साबित होता था।
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सांप पर कदम रखने से अबॉर्शन
कहा जाता था कि अगर कोई महिला सांप पर पैर रख दे तो उसका अबॉर्शन हो जाता था। हालांकि ऐसा करना काफी खतरनाक भी था, क्योंकि इस प्रक्रिया में अगर सांप महिला को काट ले तो उसकी जान भी चली जाती थी। इसी तरह कहते थे कि कौवे के अंडे पर पैर रखने से भी अबॉर्शन हो जाता था।
ऊंट लार, चींटियां और हिरण बाल से अबॉर्शन
कई बार चाीटियां, ऊंट के मुंह का झाग, हिरण के बाल आदि कई चीजें वजाइना में डाली जाती थी, जिससे जहर फैल जाता था और अबॉर्शन हो जाता था।
अपने साइज से छोटे कपड़े पहनकर
कहते हैं कि प्रेगनेंट महिलाओं का साइज बढ़ता है तो उसके कप़ड़ों का साइज भी बढ़ जाता है लेकिन पुराने समय में महिला अबॉर्शन के लिए काफी टाइट कपड़े पहनती थी। उनका मानना था कि ऐसा करने से गर्भ में पल रहा भूण्र बढ़ता नहीं है और उसका अबॉर्शन हो जाता है। ऐसा करने से महिला को भी काफी परेशानी होती थी और शायद टाइट कपड़ों की वजह से जी घबराने और बेचैनी के कारण भी अबॉशर्न का खतरा बढ़ जाता होगा।