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भारत ने LAC पर तैनात किए पहाड़ों में लड़ने में दक्ष सैनिक; लद्दाख में 32 सड़कों के निर्माण को रफ्तार
Last Updated on June 22, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के धोखे के बाद बाद भारत (India) अब उसे घेरने के में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है। दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बीच खबर आई है कि भारत ने एलएसी (LAC) पर ऐसे सैनिकों की तैनाती की है जो पहाड़ी इलाकों में लड़ने में कुशल हैं। बतौर रिपोर्ट्स, ये सैनिक गुरिल्ला युद्ध और ऊंची जगहों पर लड़ने में दक्ष हैं। भारतीय सेना को एलएसी पर चीन (China) की किसी भी घुसपैठ से निपटने के आदेश दिए गए हैं। भारत के इन विशेषज्ञ जवानों के पिछले दशकों में उत्तरी फ्रंट पर लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया गया था।
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पहाड़ी राज्यों में इन जवानों के सामने कोई टिक नहीं सकता
इस बारे में जानकारी देते हुए रक्षा मामलों के जानकार ने बताया कि माउंटेन फाइटिंग सबसे कठिन होता है। उत्तराखंड, लद्दाख, गोरखा, अरुणाचल और सिक्किम में इन जवानों के सामने कोई टिक नहीं सकता है। आर्टिलरी और मिसाइल पहाड़ी इलाकों में बहुत ज्यादा सटीकता की जरूरत होती नहीं तो ये पहाड़ों में अपना निशाना चूक सकते हैं। विशेषज्ञ ने कहा कि चीन के हिस्से वाले तिब्बत के पठार समतल हैं जबकि भारत में पहाड़ दुर्गम हैं। पहाड़ी इलाकों में किसी क्षेत्र पर ना केवल कब्जा करना मुश्किल होता है बल्कि उसपर कब्जा बनाए रखना भी उतना ही मुश्किल होता है।
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भारत-चीन बॉर्डर रोड पर कुल 73 सड़कें बननी हैं
वहीं एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा तक भारतीय सैनिकों के पहुंच को सहज और सुगम बनाने के लिए भारत सरकार अब तेजी से काम कर रही है। गृह मंत्रालय में सोमवार को भारत चीन बॉर्डर मैनेजमेंट को लेकर बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में सरकार की तरफ से बताया कि वह चाहती है कि 32 सड़कों का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इस बाबत केन्द्र सरकार ने विस्तृत योजना बनाई है। रिपोर्ट के मुताबिक आईसीबीआर फेज़-2 यानी इंडो चाइना बार्डर रोड पर दूसरे चरण में 32 सड़कों का निर्माण होना है। गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इन सड़कों के निर्माण कार्य को सारी एजेंसियों के सहयोग से और ज्यादा गति दी जाएगी। भारत-चीन बॉर्डर रोड पर कुल 73 सड़कें बननी हैं। इसमें 12 सड़कों पर सीपीडब्ल्यूडी काम कर रहा है और 61 सड़कों पर बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन काम कर रहा है।