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सोने की चिड़िया था भारत, ऐसा क्यों कहा जाता है, आइए जानते हैं यहां
हम सब बचपन से ही सुनते और पढ़ते आए हैं कि भारत (India) पहले सोने की चिड़िया हुआ करता था। विदेशी शासकों ने यहां के सोने के लिए कई बार आक्रमण किए और खूब लूटपाट मचाई। अंग्रेजों ने भी अपनी तिजोरियां खूब भरी। हम सब जानते हैं कि सोना (Gold) काफी कीमती होता है। इससे बनने वाले आभूषण काफी महंगे बिकते हैं, लेकिन सोचिए जिसके हाथ में सबसे पहली बार ये सोना आया होगा तो क्या उसे इसकी कीमत पता होगी। वैसे भारत में भी सोने का इतिहास (History) काफी दिलचस्प है और भारत सोने का भंडार भी रहा है। आज हम आपको इसकी ही कहानी बताएंगे कि आखिर पहली बार सोना कहां मिला और फिर पूरी दुनिया (World) में किस तरह इसके बारे में पता चला।
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सबसे पहली बार कहां मिला था सोना
एपिक चैनल की एक डॉक्यूमेंट्री के अनुसार, दरअसल, 5500 साल पहले पहली बार सोना मिला था। यह सोना मिश्र में मिला था। अगर दुनिया में इंसानों की ओर से खोजे गए मेटल की बात करें तो सोना और कॉपर (Copper) सबसे पुराना गोल्ड है। जब यह पहली बार मिला था तो लोगों को यह एक आम पत्थर ही लगता था] लेकिन उन्हें धीरे-धीरे पता चला कि यह कीमती पत्थर है। उन्हें पता चला कि इसमें जंग नहीं लगी और इसको आसानी से कोई भी शेप दी जाती है। इसके साथ ही यह काफी चमकदार भी है और यह चमक हमेशा बरकरार रहती है।
कभी खत्म नहीं होता सोना
सोने की चमक बरकरार रहने की वजह ये है कि यह खत्म नहीं होता और खराब नहीं होता। कहा जाता है कि 5000 साल से अभी तक माइंस से जितना भी गोल्ड निकाला गया था] वो आज भी सर्कुलेशन में है। इस वजह से इसकी डिमांड (Demand) काफी ज्यादा बढ़ गई और इसे लग्जरी का प्रतीक भी माना जाता है।
भारत में कब से आया गोल्ड
भारत में गोल्ड माइनिंग (Gold Mining) की बात करें तो अभी तक ये तो पता चल गया है कि 1800 साल पहले तो भारत में सोने की माइनिंग की जाती थी। कर्नाटक की रायचूर माइन से निकले गोल्ड की कार्बन रेटिंग से पता चला है कि यह 200 एडी पुराना है। अभी कर्नाटक (Karnataka) में सबसे ज्यादा गोल्ड निकलता है।
सोने की चिड़िया क्यों है भारत
कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत में नहीं बल्कि अफ्रीका (Africa) में सबसे ज्यादा सोने की खदाने हैं, लेकिन फिर भी सोने की चिड़िया का खिताब भारत के पास है। यह इस वजह से कहा जाता हैए क्योंकि भारत में अधिकतर शासक सोने लूटने के उद्देश्य से आए थे और उन्होंने काफी सोना लूटा भी है 1739 में पर्सिया के नादिर शाह ने दिल्ली (Delhi) पर हमला किया था और सोना लूटा था। कहा जाता है कि उन्होंने दिल्ली से इतना सोना लूट लिया कि उसके बाद 3 साल तक पर्सिया में किसी ने टैक्स नहीं दिया। मुगल काल में शाहजहां ने एक सोने का तख्त बनाया था, जिसे तख्त ए तौस कहा जाता है। बताया जाता है कि तख्त में 1 लाख तौला सोना लगा था। इतना ही नहीं, भारत में इतना सोना था कि पहले शाहजहां ताजमहल को सोने का ही बनवाना चाहता था।
मगर आप सोच रहे होंगे कि जब सोने की खदाने इतनी कम थी तो फिर भारत के पास इतना सोना कहां से आया। इसका कारण ये है कि भारत ने ये सोना मसाले और सिल्क जैसे सामान बेचकर कमाया था। यानी ये सोना व्यापार के जरिए लाया गया था। भारत में कितना सोना है, इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर को कई बार सोने के लिए लूटा गया था। वहींए 2011 में जब पद्मनाभ मंदिर से खजाना निकला था तो अंदाजा लगाया तो समझ आया कि वो सोना केरल के बजट से कई गुना है और इसके अलावा अभी ऐसे कई खजाने मंदिर में होने की बात कही जाती है।