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टोक्यो ओलंपिक: पुरुष हॉकी में भारत ने 41 साल बाद जीता ओलंपिक पदक
भारत की पुरुष हॉकी टीम ( Men’s Hockey Team)ने 41 साल के अंतराल के बाद ओलंपिक पदक जीतने का गौरव हासिल किया है। भारत ने टोक्यो ओलंपिक ( Tokyo Olympics) में कांस्य पदक के लिए हुए रोमांचक मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराया। भारतीय टीम सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों हार गई थी। इसके बाद उसे कांस्य जीतने का मौका मिला था। जर्मनी के खिलाफ एक समय भारतीय टीम 1-3 से पीछे चल रही थी लेकिन सात मिनट में चार गोल करते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने मैच की दिशा अपनी ओर मोड़ दी। पीएम मोदी ने इस जीत पर पूरी टीम को बधाई दी है।
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प्रफुल्लित भारत! प्रेरित भारत! गर्वित भारत!
टोक्यो में हॉकी टीम की शानदार जीत पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।
ये नया भारत है, आत्मविश्वास से भरा भारत है।
हॉकी टीम को फिर से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं। 🏑 #Tokyo2020
— Narendra Modi (@narendramodi) August 5, 2021
भारत ने अंतिम बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। कांस्य पदक की बात की जाए तो भारत ने 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में नीदरलैंड्स को हराकर यह पदक जीता था।
टोक्यो में भारत का यह चौथा पदक है। भारत हॉकी के अलावा वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन और मुक्केबाजी में पदक जीत चुका है जबकि इस हार के साथ जर्मनी के हाथों 2016 के रियो ओलंपिक के बाद लगातार दूसरा कांस्य जीतने का मौका निकल गया। बहरहाल, मैच का पहला गोल दूसरे मिनट में जर्मनी के तिमोर ओरुज ने किया। ओरुज ने एक बेहतरीन फील्ड गोल के जरिए अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया।
A BILLION CHEERS for INDIA 🇮🇳!
Boys, you’ve done it !
We can’t keep calm !#TeamIndia 🥉!Our Men’s Hockey Team dominated and defined their destiny in the Olympic history books today, yet again !
We are extremely proud of you!#Tokyo2020 pic.twitter.com/n78BqzcnpK
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) August 5, 2021
जर्मनी ने इसी अंतर से दूसरे क्वार्टर में प्रवेश किया। सिमरनजीत सिंह ने हालांकि इस क्वार्टर की शुरुआत में ही 17वें मिनट में गोल कर स्कोर 1-1 कर दिया। यह एक फील्ड गोल था।निकलास वालेन ने हालांकि 24वें और फिर बेनेडिक्ट फुर्क ने 25वें मिनट में गोल कर जर्मनी को एक बार फिर 3-1 से आगे कर दिया।भारत ने भी हार नहीं मानी और 27वें तथा 29वें मिनट में गोल कर स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। 27वें मिनट में हार्दिक सिंह ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल किया जबकि 29वें मिनट में भी पेनाल्टी कार्नर पर ही गोल हुआ जो सिमरनजीत सिंह ने किया।हाफटाइम तक स्कोर 3-3 था।इसके बाद तो भारत नहीं रुका और एक के बाद एक गोल कर 5-3 की लीड ले ली। रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में पेनाल्टी स्ट्रोक पर भारत के लिए चौथा गोल किया जबकि हर्मनप्रीत सिंह ने 34वें मिनट में अपना दूसरा और टीम के लिए पांचवां गोल किया।जर्मन टीम भी हार मानने वाली नहीं थी। उसने 48वें मिनट में अपना चौथा गोल कर मैच में रोमांच ला दिया। जर्मनी के लिए यह गोल लुकास विंडफेडर ने पेनाल्टी कार्नर पर किया। अब स्कोर 4-5 हो चुका था। अंतिम समय में जर्मन टीम ने कई हमले किए लेकिन भारतीय डिफेंस मुस्तैद था। उसने तमाम हमलों को नाकाम कर स्कोर की रक्षा की और 41 साल से चले आ रहे सूखे को समाप्त किया।
–आईएएनएस