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खाने के तेल की कीमतों में ये रहा कंट्रोल का नया प्लान
यूक्रेन-रूस संकट की वजह से भारत में खाने के तेल की कीमतों के बढ़ने की आशंका लगातार बनी हुई है। इसी के चलते केंद्र सरकार ने इसके लिए एक प्लान भी बनाया है। केंद्र सरकार ने इंडोनेशिया (Indonesia) से देश में पाम तेल के शिपमेंट (Shipment) को बढ़ाने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि इस सप्ताह भारत सरकार (India Government) के अधिकारियों ने इंडोनेशियाई अधिकारियों के साथ पाम के निर्यात को बढ़ाने के लिए एक वर्चुअल बैठक की है। मीडिया रिपोर्ट में ऐसा बताया जा रहा है शिपमेंट बढ़ाकर सरकार तेल की सप्लाई के नुकसान की भरपाई करना चाहती है। इंडोनेशिया के व्यापार मंत्रालय के अधिकारियों ने अभी तक जवाब नहीं दिया है।
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याद रहे कि यूक्रेन (Ukraine)और रूस (Russia)के बीच छिड़ी जंग की वजह से ये संकट खड़ा हुआ है। असल में पिछले साल भारत के खाद्य तेल आयात में यूक्रेन और रूस का योगदान लगभग 13 फीसदी था। इस साल भारत को 16 लाख टन तेल की आपूर्ति की गई थी। अगर भारत की बात करें तो खाद्य तेल का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है। भारत अपने आधे से अधिक पाम तेल (Palm Oil)आयात के लिए मुख्य उत्पादक इंडोनेशिया पर निर्भर है। हालांकि, घरेलू कीमतों को कंट्रोल करने के लिए जनवरी माह में इंडोनेशिया की सरकार ने अपने निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद से ही सरकार चिंतित थी। अब यूक्रेन और रूस की जंग ने सरकार की टेंशन (Tension) और बढ़ा दी है। भारत ने पिछले आठ महीनों में चार बार वनस्पति तेल के आयात पर अलग.अलग तरह से करों में कटौती की है। यही नहीं, सिर्फ कच्चे तेल के बजाए रिफाइंड पाम तेल की विदेशी खरीद की अनुमति दी है, हालांकि कीमत अभी भी ऊंची बनी हुई हैं।