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ISRO चिंतित: रोजाना 30 की जगह अब तक 12 मीटर ही चल पाया है प्रज्ञान रोवर
Last Updated on August 28, 2023 by sintu kumar
नई दिल्ली। ISRO के चंद्रयान 3 मिशन (Chandrayan 3 Mission ISRO) की चंद्रमा के सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अब आखिरी मकसद विक्रम लैंडर से निकले प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) को चंद्रमा की सतह पर ज्यादा से ज्यादा दूरी तय करनी है। रोवर को हर रोज 30 मीटर की दूरी तय करने के लिए बनाया गया है, लेकिन वह अभी तक केवल 12 मीटर की ही दूरी तय कर पाया है। ISRO इस बात को लेकर काफी परेशान है, क्योंकि उसके पास अब केवल 10 दिन ही बचे हैं।
ISRO के मून मिशन (Moon Mission) के तीन सबसे बड़े उद्देश्य हैं। इनमें चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग, प्रज्ञान रोवर की मूवमेंट या गतिविधि और लैंडर और रोवर पर लगे पेलोड्स के जरिए डेटा हासिल करना शामिल है। इसमें से दो मकसद पूरे हो गए हैं, लेकिन तीसरा मकसद अभी जारी है।’ ISRO का ध्यान इस बात पर है कि प्रज्ञान चांद की सतह पर ज्यादा से ज्यादा दूरी तय कर ले, ताकि वह ज्यादा प्रयोग कर सके और पृथ्वी के लिए डेटा जुटाया जा सके।’
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अगले 10 दिन में 400 मीटर चलना है
फिलहाल प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर सिर्फ 12 मीटर की दूरी तय की है, जबकि टारगेट हर रोज 30 मीटर की दूरी तय करने का है। ISRO को परेशानी इसलिए भी आ रही हैं, क्योंकि उसके पास कुछ सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं, साथ ही विजिबिलिटी (Visibility) में भी दिक्कत हो रही है। अब ISRO को बचे हुए 10 दिन में 300-400 मीटर की दूरी रोवर के जरिए पूरी करना है।’ लैंडर विक्रम पर मौजूद चार पेलोड अपना काम कर रहे हैं और शुरुआती ऑपरेशन पूरे किए जा चुके हैं। ‘रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपर सेंसिटिव लोनोस्पीयर एंड एटमॉस्पियर (RAMBHA) समेत चार पेलोड्स के शुरुआती ऑपरेशन्स पूरे हो चुके हैं। ये चांद पर प्लाज्मा और आयन एमिशन की जांच करेंगे।
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