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बदलते मौसम में वायरस शरीर को करता है अटैक, जानें कैसे रखें सेहत का ख्याल
मौसम (weather) बदल रहा है। ऐसे में सेहत का ख्याल रखना और भी जरूरी हो जाता है। सर्दी में अधिकतर फ्लू के इन्फेक्शन (Flu Infection) पतझड़ और सर्दियों के मौसम में ही होते हैं। इसकी एक खास वजह भी है कि इन बीमारियों के कारक वायरस सालभर ही मौजूद रहते हैं। मौसम बदलने पर अधिकांश लोगों पर इसका असर पड़ता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि बीमार होने से कैसे बचा जाए। आपको मालूम ही होगा कि जैसे ही मौसम बदलता है तो हमें कई बीमारियां भी घेर लेती हैं। इसका मुख्य कारण राइनोवायरस और कोरोना वायरस (Rhinovirus and Corona virus) हैं। बताया जा रहा है कि ये दोनों वायरस दोबारा उभर कर सामने आ रहे हैं। जैसे ही मौसम में परिवर्तन होता है तो ये वायरस भी तेजी से बढ़ने लगते हैं। जिन लोगों को सर्दी (Cold) पकड़ती है उन पर यह वायरस अधिक अटैक करते हैं। वहीं हमारा शरीर एक निश्चित तापमान पर काम करता है। जैसे ही मौसम में बदलाव होता है वैसे ही शरीर को अडॉप्ट करने के लिए मजबूर किया जाता है। इस कारण वायरस और संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हो जाते हैं। सर्दी में फ्लू होने का खतरा अधिक रहता है।
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इसका कारण यह है कि इन्फ्लूएंजा वायरस (Influenza Virus) हवा के ठंडे होने पर उच्च दर से पनपता है और फैलता है। यही शरीर की इम्यूनिटी (Body Immunity) को बढ़ाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करता है। इसके लिए विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए अमरूद, लाल मीठी मिर्च, संतरा और अंगूर आदि उपयुक्त रहते हैं। वहीं इन्फेक्शन से लड़ने के लिए जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए। वहीं वायरस वायरस कई अलग.अलग प्रकार की सतह पर जीवित रह सकते हैं। वहीं इन सतहों पर वायरस की संक्रामकता का समय तापमान और आर्द्रता पर निर्भर करता है। वहीं वर्ष 2016 के अध्ययन से सामने आया है कि इन्फ्लूएंजा वायरस शरीर के बाहर विस्तार करता है और महीनों तक भी जीवित रह सकते हैं। वहीं वायरस आंख, नाक, मुंह के रास्ते शरीर में प्रवेश करते हैं। वहीं इसके साथ हमें साबुन से नियमित रूप से हाथ धोने चाहिए। सीडीसी (CDC) के अनुसार उचित हाथ धोने से सर्दी और फ्लू जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों में 16.21 प्रतिशत की कमी आ सकती है। इसके अलावा सैनिटाइजर का प्रयोग भी किया जा सकता है। जिंक एक महत्वपूर्ण तत्व है जो स्वाभाविक रूप से मांस, मछली, नट और अन्य खाद्य पदार्थों में होता है। वहीं वर्ष 2016 की रिसर्च में यह भी सामने आया है कि जिंक की कमी से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया कमजोर हो जाती है और त्वचा में सूजन आ सकती है। इस कारण वायरस से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है। वहीं वर्ष 2017 के मेटा विश्लेषण से पता चलता है कि जिंक लोजेंज सामान्य सर्दी की अवधि को लगभग 33 प्रतिशत तक कम कर सकता है। अध्ययन में भाग लेने वाले प्रति दिन 80 से 207 मिलीग्राम जिंक का सेवन कर रहे थे।