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Jagat Negi ने निर्दलीय विधायकों के खिलाफ दायर की याचिका, सदस्यता रद्द करने की मांग
शिमला। हिमाचल प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायकों (Three Independent MLAs) के खिलाफ बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी (Jagat Singh Negi) ने विधानसभा अध्यक्ष के पास एक याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही बीजेपी ज्वाइन कर ली थी, ऐसे में यह मामला दल बदल कानून (Defection Law) के दायरे में आता है इसलिए विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता को रद्द करें। वहीं, विधायक हरीश जनारथा ने भी मामले में एक अलग याचिका हाईकोर्ट (High Court) में दी है।
हरीश जनारथा ने भी दायर की याचिका
शिमला में पत्रकार वार्ता कर मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि बीजेपी ने षड्यंत्र के तहत प्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया था जिसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली है। निर्दलीय विधायकों ने भी दबाव में इस्तीफे दिए हैं और वह इस्तीफे स्वीकार होने से पहले ही बीजेपी (BJP) में शामिल हुए हैं जो दल बदल कानून के दायरे में आता है इसलिए स्पीकर से इन्हें अयोग्य करार देने की मांग की गई है साथ ही विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल मामले को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए व सम्मिलित करने के लिए याचिका दायर की है।
30 अप्रैल को अगली सुनवाई
निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे (Independent MLAs Resign) मामले में हिमाचल उच्च न्यायालय (High Court) में आज सुनवाई हुई, जिसमें याचिका कर्ता पक्ष की ओर से कोर्ट में अपनी दलीलें पेश की गई। याचिका कर्ता पक्ष की ओर से पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह पेश हुए थे। याचिकाकर्ता पक्ष की ओर से मामले में दलीलें पूरी हो गई हैं। वहीं अब विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दलीलें पेश की जाएगी, ऐसे में 30 अप्रैल को मामले की सुनवाई फिर शुरू होगी। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता का कपिल सिब्बल भी वर्चुअल माध्यम से अपीयर हुए थे। मीडिया से बातचीत में हिमाचल हाई कोर्ट में महाधिवक्ता अनूप रतन ने इस बाबत जानकारी दी।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में महाधिवक्ता अनूप रतन ने कहा कि मामले में अभी तीन निर्दलीय विधायकों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने अपनी दलीलें ने पेश की है. मामले में अब विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश होने वाले अधिवक्ता दलीलें पेश करेंगे. अनूप रतन ने कहा कि मामले में अब अगली सुनवाई आने वाले मंगलवार को 4:15 बजे शुरू होगी. AG ने कहा कि प्रदेश पूछ रहा है कि इन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा क्यों दिया. वहीं इस्तीफा स्वीकार करने के मामले में आर्टिकल 190 के तहत विधानसभा अध्यक्ष को मामले की जांच करने का पूर्ण अधिकार है. ऐसे में ऐसा महसूस होता है कि निर्दलीय विधायक फैसले में देरी करने के लिए मामले को उच्च न्यायालय में ले आए.