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हिमाचल: नियमितीकरण की मांग पर जल रक्षकों ने भरी हुंकार, सरकार को दिया अल्टीमेटम
ऊना। जल शक्ति विभाग में बतौर जल रक्षक सेवाएं दे रहे कर्मचारियों ने विभाग के तहत नियमित कर्मचारी के रूप में अपने आप को स्थापित करवाने की मांग को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। सोमवार को जिला भर के जल रक्षकों ने जिला अध्यक्ष इकबाल सिंह की अध्यक्षता में उपायुक्त राघव शर्मा को ज्ञापन पत्र सौंपा। इकबाल सिंह ने कहा कि सरकार को दिए अल्टीमेटम के अनुसार अगर 27 जुलाई तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है, तो उन्हें मजबूरन सामूहिक रूप से काम बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार, प्रशासन और जल शक्ति विभाग की होगी।
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इकबाल सिंह ने कहा कि जिला भर में करीब साढ़े चार सौ जल रक्षक हैं, जो जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Department) के माध्यम से लोगों को पेयजल आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश जल रक्षकों से 8 घंटे काम लिया जा रहा है, जबकि नियमों के मुताबिक वह केवल 4 घंटे विभाग में सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग में पंप ऑपरेटरों के दर्जनों पद रिक्त चल रहे हैं और इन परिस्थिति में जल रक्षकों से घंटों तक काम लिया जा रहा है। वहीं, उन्हें इस काम के बदले महज 4500 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है।
इकबाल सिंह ने कहा कि कई कई घंटे काम किए जाने के चलते वह अपने परिवार को पालने के लिए कहीं और मेहनत मजदूरी भी नहीं कर पाते। जिसके चलते उन्हें अपने और परिवार के भविष्य पर तलवार लटकती नजर आती है। उन्होंने कहा कि सरकार बिना देर किए सभी जल रक्षकों को जल शक्ति विभाग के तहत नियमित करने की व्यवस्था करे।