-
Advertisement
जींद की अन्नू बनीं डबल हैट्रिक गर्ल, जूनियर हॉकी एशिया कप में रहीं टॉप स्कोरर
नई दिल्ली। भारतीय महिला जूनियर हॉकी टीम की सदस्य और जींद की बेटी अन्नू ने एशिया कप में भारत को 12 साल बाद गोल्ड मेडल दिलाकर न केवल इतिहास रचा है, बल्कि डबल हैट्रिक के साथ टूर्नामेंट में टॉप स्कोर कर वतन का नाम भी ऊंचा कर दिया है।
हरियाणा के जींद जिले के छोटे से गांव रोज खेड़ा की अन्नू को टॉप स्कोरर का अवॉर्ड मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। भारतीय हॉकी टीम का पहला मुकाबला उज्बेकिस्तान के साथ हुआ था, जिसमें भारत ने उज्बेकिस्तान को 22-0 से हराया। इसमें अन्नू ने डबल हैट्रिक मारते हुए 6 गोल दागे थे। इसके बाद मलेशिया के साथ मुकाबले में टीम इंडिया 2-1 से जीती, कोरिया के साथ मैच 2-2 अंकों के साथ ड्रा रहा और टीम को एक-एक पॉइंट मिला। उससे अगले मैच में ताइवान को 11-0 से हराया और ग्रुप ए में टॉप पर टीम रही।
फाइनल में एक गोल अन्नू के नाम
उसके बाद सेमीफाइनल मुकाबले में जापान को 1-0 से हराया, जिसमें अन्नू बेस्ट प्लेयर रही। वर्ल्ड कप क्वालीफाई करने के बाद साउथ कोरिया के साथ फाइनल मुकाबला हुआ, जिसमें टीम इंडिया 2-1 से विजयी रही। इसमें एक गोल अन्नू ने और दूसरा गोल नीलम ने दागा और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका हासिल की। हॉकी इंडिया ने 2012 के बाद अब इतिहास रचते हुए एशिया कप पर कब्जा हासिल किया है।
रही टॉप बेस्ट स्कोरर
उचाना ब्लॉक के छोटे से गांव रोजखेड़ा की अन्नू एशिया कप टूर्नामेंट में टॉप गोल स्कोर रही। गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली अन्नू का तीसरी कक्षा में ही प्ले फॉर इंडिया के जरिए चयन हुआ। तीसरी से पांचवीं तक अन्नू ने सिरसा में रहते पढ़ाई की और साथ ही हॉकी को चुना। इसके बाद अन्नू का चयन हिसार स्थित साईं में हो गया, जहां से अन्नू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। लगातार उपलब्धियों को छूते हुए पहले हरियाणा जूनियर की कप्तान बनी, उसके बाद 3 नेशनल खेले और अब राष्ट्रीय जूनियर हॉकी टीम में अन्नू खेल रही है।
रेसर की जगह बन गई हॉकी प्लेयर
अन्नू के भाई अमन ने बताया कि वह और परिवार के लोग उसे रेसर बनाना चाहते थे, लेकिन उसने हॉकी को चुना और आज वह अपनी स्टिक से बॉल को ऐसे घुमाती है कि देखने वाला का सिर घूम जाता है। अमन ने बताया कि उनके गांव में खेल की कोई सुविधा नहीं है, इसलिए उन्होंने अन्नू को सिरसा भेजा ताकि वह खेलों में अपना भविष्य बना सके। अन्नू की रेस की बजाय हॉकी में ज्यादा रुचि देखी तो उन्होंने हॉकी में ही अपना भविष्य बनाने दिया।