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पंडोह बस हादसा: मृतक चालक की पत्नी को 7 दिन में मिली नौकरी, सौंपा नियुक्ति पत्र
मंडी। हिमाचल के मंडी (Mandi) जिला में 4 अप्रैल को पंडोह डैम के पास 39 सवारियों की जान बचाने के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले दिवंग्त एचआरटीसी बस चालक (HRTC Bus Driver) नंद किशोर की विधवा पत्नी चिंता देवी को एचआरटीसी ने सरकारी नौकरी (Job) का नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) दे दिया है। सोमवार को एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार शिमला से कोटली उपमंडल के डंढाल गांव पहुंचे और मृतक की पत्नी को यह नियुक्ति पत्र प्रदान किया। उन्होंने बताया कि दिवंग्त नंद किशोर के परिवार को अभी तक 2 लाख 5 हजार की आर्थिक मदद दे दी गई है, जिसमें निगम की तरफ से 1 लाख 25 हजारए एचआरटीसी परिवार की तरफ से 55 हजार और परिवहन मंत्री की तरफ से 25 हजार की आर्थिक मदद शामिल है।
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वहीं, दिवंग्त की विधवा पत्नी चिंता देवी अब कोटली बस स्टैंड पर बतौर चर्तुथ श्रेणी कर्मचारी अपना कार्यभार संभालकर अपने परिवार का पालन पोषण करेगी। उन्होंने बताया कि निगम की तरफ से भविष्य में भी परिवार को हर संभव मदद की जाएगी। वहीं, दिवंग्त नंद किशोर के परिजनों ने इस अनुकंपा के लिए राज्य सरकार और एचआरटीसी का आभार जताया है। नंद किशोर के चचेरे भाई भुवनेश ठाकुर और हेम सिंह ने सरकार से मांग उठाई है कि नंद किशोर को लाईफ सेविंग अवार्ड से नवाजा जाए।
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घायल परिचालक को दी जा रही हर संभव सहायता
एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार (HRTC Managing Director Sandeep Kumar) ने बताया कि हादसे में घायल बस कंडक्टर निशांत का पीजीआई (PGI) चंडीगढ़ में ईलाज चल रहा है। प्रदेश सरकार तथा परिवहन निगम उनका पूरा ध्यान रख रहा है। निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने 55 हजार रुपये की राशि परिचालक के ईलाज के लिए मुहैया कराई है। चंडीगढ़ में निगम के स्टाफ को प्रभावित परिवार को जरूरत पड़ने पर तुरंत सहायता मुहैया करवाने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस संदर्भ में फैलाई जा रही अफवाहों को पूरी तरह से खारिज किया।
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एचआरटीसी की खास पॉलिसी से रिकॉर्ड समय में मिली नौकरी
स्वर्गीय नंद किशोर की पत्नी को अनुकंपा आधार पर नहीं बल्कि एचआरटीसी की खास पॉलिसी की वजह से इतने कम समय में नौकरी दे पाना संभव हुआ है। एचआरटीसी के निदेशक मंडल ने 18 दिसंबर, 2021 को फैटल-नॉन फैटल पॉलिसी बनाई थी। इसमें मुख्य रूप से बस दुर्घटना में मृत्यु अथवा एक्टिव ड्यूटी पर हादसे में 80 फीसदी विकलांगता पर परिवार के पात्र सदस्य को अधिकतम 3 महीने के अंदर नौकरी देने का प्रावधान किया गया है। इसमें आय सीमा कोई शर्त नहीं रखी गई है। वहीं, नौकरी के लिए पद खाली होने का भी इंतजार नहीं किया जाएगा। इस पॉलिसी में एचआरटीसी के अनुबंध और डेली वेज समेत सभी कर्मचारियों को कवर किया गया है।