-
Advertisement

कंगना-बीएमसी विवाद बॉम्बे HC सख्त: कहा- राउत को बताना होगा कि उन्होंने किसे कहा था हरामखोर
नई दिल्ली। कंगना-बीएमसी विवाद (Kangana-BMC dispute) में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HC) ने बड़ा ही सख्त रुख इख्तियार कर लिया है। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान कोर्ट में विवादित शब्द ‘हरामखोर’ की भी गूंज सुनाई दी। कोर्ट द्वारा इस मामले में स्पष्ट किया गया है कि शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को यह बताना होगा कि उन्होंने ‘हरामखोर’ शब्द का इस्तेमाल किसके लिए किया था। कोर्ट ने बीएमसी (BMC) की कार्रवाई से जुड़ी फाइल आज 3 बजे तक कोर्ट में पेश करने के लिए कहा था, इसके साथ ही कोर्ट में राउत का दोनों इंटरव्यू का क्लिप भी कोर्ट में पेश किया। जिसमें राउत आपत्तिजनक शब्द बोल रहे हैं और दूसरे में उसका मतलब समझा रहे हैं।
राउत के अखबार ने मनाया कंगना के दफ्तर गिरने का जश्न
कंगना के वकील बिरेन्द्र सराफ की ओर से अदालत में पूरी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि कंगना रनौत की ओर से सरकार की आलोचना की गई, मुंबई पुलिस के काम पर सवाल खड़े किए गए। जिसपर जज ने उनसे सभी ट्वीट दिखाने को कहा। वकील ने दावा किया कि कंगना के ट्वीट पर संजय राउत की ओर से उन्हें पाठ पढ़ाने की बात कही गई थी। कंगना के वकील बिरेन्द्र सराफ ने अदालत में बताया कि जब कंगना रनौत का घर गिरा तो संजय राउत के अखबार ने उसका जश्न मनाया, पूरे देश ने इसको देखा है। इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि मेरे क्लाइंट से बदला लिया गया है।
यह भी पढ़ें: Himanshi Khurana निकली #Corona_Positive, किसानों के साथ प्रदर्शन में लिया था हिस्सा
कोर्ट की ओर से कहा गया कि अगर आप एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, तो सभी सबूत लाइए कि अबतक क्या किया गया है। कंगना के वकील ने अदालत में सभी ट्वीट और वीडियो पेश किए जाने की बात कही है। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को फटकार लगाई। कोर्ट ने बीएमसी पर तंज कसते हुए कहा कि कई मामलों में आदेश के बाद भी ऐसा नहीं किया गया। बीएमसी इतनी तेजी दिखाती तो मुंबई रहने के लिए और बेहतर शहर होता। कंगना के वकील ने हाईकोर्ट में दलील दी कि बीएमसी की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।