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क्या हिमाचल की पॉलिटिक्स में एंट्री के लिए कंगना दे रही है उलजलूल बयान!
Last Updated on November 17, 2021 by admin
शिमला। फिल्मों एक्टिंग कर लोगों के दिलों पर छा जाने वाली एक अदाकारा अगर इतिहास को लेकर नई फिलॉस्फी गढ़ने लगे तो सियासी गलियारों में हलचल होना स्वाभिक है। तो अब सवाल उठता है कि ये बयान ड्रामा क्वीन की खालिस दिमागी उपज है या फिर उनके बयानों की पटकथा लिखने वाला कोई ओर ही है। कंगना रनौत के लगातार विवादित बयान दिए जाने के बाद अब भीख वाले बयान ने इस ओर सोचने समझने और जानने को मजबूर कर दिया है कि कहीं कंगना अब रील ड्रामा को छोड़कर सियासत के रियल ड्रामे में कदम रखने तो नहीं जा रही हैं।
क्योंकि अगले बरस हिमाचल (Himachal) में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी (BJP) की उपचुनाव में भद पिटी है। लिहाजा शिमला की सियासत को करीब से देखने वाले भी अलाव के सामने बैठकर यह कर रहे हैं कि कंगना रनौत सत्ताधारी पार्टी का बड़ा चेहरा बनकर 2022 से पहले कूद सकती हैं। हालांकि, शिमला (Shimla) से दिल्ली (Delhi) तक ऐसी कोई सुगबुगाहट देखने को नहीं मिली है। तो दूसरी तरफ कंगना के भीख में मिली आजादी को लेकर दिल्ली से शिमला तक के एक भी नेता ने विरोध नहीं किया है।
कंगना के मंडी से दिल्ली और दिल्ली मुबंई तक के सफर में साथ रहे कई सहकर्मी उनके बयान पर सिर पिट रहे हैं। राजनीति की बारिकियों को नहीं समझने वाली कंगना आखिर अचानक इतनी बड़ी राजनीतिक विश्लेषक कब बन गई। उन्हें तो लगता है कि कंगना अब फिल्मी दुनिया को अलविदा कहकर राजनीति के रंगमंच पर अपना हुनर दिखाने के रास्ते पर चल पड़ी हैं और कोई मेंटर तो है, जो उन्हें ऐसे बयान देने के लिए गाइड कर रहा है, ताकि चुनावी मैदान में उतारने से पहले ही जमीन मजबूत कर दी जाए।
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बहरहाल कंगना हमेशा से अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रही हैं, लेकिन सुशांत सिंह राजपूत का केस टर्निंग प्वाइंट रहा। सुशांत के आत्महत्या के बाद उन्होंने ये कहा था कि बॉलीवुड का अधिकांश हिस्सा ड्रग्स के नशे की गिरफ्त में है। उसके बाद भी वे अपने बयानों से विवाद में रही और नाराज़ विरोधियों ने उनके दफ्तर-स्टूडियो में जमकर तोड़फोड़ भी की थी। जिसके बाद केंद्र की तरफ से सुरक्षा मुहैया करवाया गया।
उसके बाद से ही कंगना का अंदाज़ कुछ ऐसा बदला कि वे उन्हें फिल्मी किरदार की बजाय एक उभरते हुए नेता के अवतार के रूप में अपना भविष्य ज्यादा फिट व सुरक्षित लगने लगा, सो ताजा दिए गए बयानों से लोग यही मान रहे हैं कि उन्होंने अब राजनीति को ही अपना स्टेज बना लिया है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसका औपचारिक एलान होना बाकी है लेकिन वह इससे पहले ही अपने तेवरों के जरिये विरोधियों के लिए बड़ी चुनौती बनती दिख रही हैं।
मगर सवाल यही खत्म नहीं होते, जिस गांधी की निर्मम हत्या को एक संगठन लगातार दशकों तक वध बताता रहा, जिसने भरपूर कोशिश की गांधी के अस्तित्व को ही देश से मिटा दिया जाए। जिसमें वे नाकाम रहे अब एक बार फिर उसी गांधी के विचारधारा पर वार कर उसे गलत साबित करने की दोबार कोशिश हो रही है। कल यानी मंगलवार को कंगना ने फिर से महात्मा गांधी को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक आर्टिकल साझा किया है. इसकी हेडलाइन में लिखा है कि या तो आप गांधी के फैन हो सकते हैं या फिर नेताजी के समर्थक… आप दोनों के समर्थक नहीं हो सकते। इसका फैसला खुद करें। उन्होंने आगे लिखा, ”दूसरा गाल देने से भीख मिलती है, आजादी नहीं।”