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बॉलीवुड पर अंडरवर्ल्ड को क्रिकेट ने किया हावी, यहां जानें कनेक्शन
बॉलीवुड एक ऐसे दौर से गुजर चुका है, जहां हर कमाऊ स्टार हमेशा भय के साये में रहता था। यह खौफ दाऊद इब्राहिम या डी कंपनी के कारण था और दुबई से आया कॉल किसी के भी रोंगटे खड़ा करने के लिए काफी था। इसकी शुरुआत का जिम्मेदार क्रिकेट (Cricket) को ठहराया जाता था।
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क्रिकेट ने बॉलीवुड पर अंडरवर्ल्ड को हावी कर दिया। दुबई और शारजाह में क्रिकेट स्टेडियम बने थे, लेकिन उनकी टीम यह खेल नहीं खेलती है। यहां पिच पर मुख्य रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच का मैच होता था। यहां दोनों देश के क्रिकेट प्रेमी भारी संख्या में स्टेडियम पहुंचते और खेल का आनंद लेते थे। दुबई में क्रिकेट की इस लोकप्रियता को भुनाने का आइडिया प्रोड्यूसर और अभिनेता फिरोज खान को आया। फिरोज खान ने इसके बाद स्टेडियम में अपनी फिल्म ‘जाबांज’ का विज्ञापन किया।
अभिनेता अनिल कपूर के बड़े भाई प्रोड्यूसर पति बोनी कपूर इस आइडिया से प्रभावित हुए और उन्होंने भी अपनी फिल्म मिस्टर इंडिया का विज्ञापन वहां किया। ये विज्ञापन बहुत ही अधिक महंगे थे। इसके बाद विदेशों में भारतीय फिल्म के विज्ञापन का एक ट्रेंड सा चल पड़ा। दुबई और शारजाह के क्रिकेट स्टेडियम में मैच देखने आए दर्शकों में अंडरवर्ल्ड का बेताज बादशाह कहा जाने वाला दाऊद इब्राहिम भी शामिल था। यहीं ये क्रिकेट में मैच फिक्सिंग (Match Fixing) की कहानी भी शुरू होती है, लेकिन उसकी चर्चा कभी और करेंगे।
अभी तक अंडरवर्ल्ड के लोग, जो इन देशों में शरण लिए हुए थे, वे उभरते कलाकारों के साथ उठते-बैठते थे और उसी में खुश थे। क्रिकेट मैच देखने की आड़ में लेकिन जल्द ही बड़े-बड़े स्टार भी अंडरवर्ल्ड से हाथ मिलाने आने लगे। अधिकतर स्टार स्टेडियम में दाऊद (Dawood) के वीआईपी बॉक्स में बैठने पर गर्व महसूस करते थे। इसका सबूत उनकी तस्वीरें हैं, जिनमें वे डॉन के साथ हंसते हुए अपने प्रशंसकों के लिए हाथ हिलाते हुए नजर आते हैं। क्रिकेट ताकत दिखाने का जरिया था और एक धंधा था। स्टार वहां मजा लेने के लिए थे और डॉन के ‘गुड बुक’ में खुद को शामिल करने के लिए थे।
ये स्टार अपने परिवार और दोस्तों के साथ दुबई (Dubai) में मैच देखने जाते थे। उन्हें वहां फाइव स्टार होटल में ठहराया जाता था और रिटर्न गिफ्ट के रूप में बहुत महंगे सामान दिए जाते थे। धीरे-धीरे यह मेल-मिलाप एक ऐसे रिश्ते में बदल गया कि आपसी विवाद होने पर मामले अदालत में या पुलिस के सामने नहीं डॉन के फरमान पर निपटाए जाने लगे।
ये रिश्ता फिल्म स्टारों के लिए गले की फांस तब बना, जब डॉन के लेफ्ट हैंड, राइट हैंड जैसे लोग वसूली पर उतर आये। यह वसूली प्रोटेक्शन के नाम पर की जाती थी। यह प्रोटेक्शन भी कैसा था कि हम तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, इसलिए पैसे दो, वरना। ऐसे में पैसे देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता था। फिल्म इंडस्ट्री में अंडरवर्ल्ड (Underworld) के मुखबिर थे और जयचंद थे। ये जयचंद गैंग को जानकारी देते थे कि किस स्टार से कितना कमाया है। फिल्म प्रोड्यूसर की भी शामत आई रहती थी। वसूली के रुपए ना देने पर वे वरना वाली गोली भी लगती थी।
ये गोलियां कोई पेशेवर नहीं चलाता था। ये शूटर उत्तर भारत के होते थे और उन्हें पांच हजार रुपए में गोली चलाने के लिए कहा जाता था। शूटर (Shooter) के प्रोफेशनर ना होने के कारण धमकी वाली गोली कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो जाती थी। कई बार जयचंद ही गैंग का निशाना बन जाते थे। ऐसा ही जयचंद था गुजरे जमाने की अभिनेत्री मंदाकिनी और बाद में
मनीषा कोइराला का सचिव रह चुका अजीत दिवानी। अजीत की हत्या कर दी गई थी। इसी तरह प्रोड्यूसर मुकेश दुग्गल को भी अंडरवर्ल्ड का हिस्सा माना जाता था। वे दो अलग-अलग गुटों का शिकार हुआ। एडलैब्स के प्रमोटर मनमोहन शेट्टी हमले से बाल-बाल बचे क्योंकि उन्हें मारने वाले व्यक्ति का हथियार ऐन मौके पर जाम हो गया। मुकेश भट्ट (Mukesh Bhatt) और राजीव राय भी निशाना बनाए गए। त्रिदेव, गुप्त और मोहरा जैसे अच्छी फिल्मों के लिए राजीव राय का नाम जाता है। इस घटना के बाद वह अमेरिका में शिफ्ट हो गए। राकेश रोशन (Rakesh Roshan) को भी गोली मारी गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया, उनकी जान बच गई।
आज के जमाने में कई अभिनेताओं को सशस्त्र गार्ड (Security Guards) के साथ देखा जा सकता है। इस पूरे खेल में अंडरवर्ल्ड को कोई नुकसान नहीं हुआ। उसके सदस्य आराम से विदेश में बैठे रहे और बहुत ही कम कीमत पर शूटर गोली चलाने को तैयार होते रहे। वीडियो की पाइरेसी में शामिल रहा अंडरवर्ल्ड अब फिल्म व्यापार का हिस्सा बनना चाहता है। अब वे फिल्मों के ओवरसीज राइट चाहते थे और ऐसा न करने पर फिर वही धमकी कि-वरना।
फिल्म इंडस्ट्री (Film Industry) को जिस हत्या ने सबसे अधिक दहलाया, वह हत्या थी गुलशन कुमार की। टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) धार्मिक व्यक्ति थे। उन्हें मंदिर जाने के रास्ते में दिनदहाड़े गोलियां मारी गई थी। उनकी हत्या की साजिश में गुलशन कुमार के अहसानों तले दबे संगीतकार भी शामिल थे। वह विदेश में फरार हैं। अभी तक बड़े स्टार पर अपनी पहुंच बनाने वाले अंडरवर्ल्ड की ख्वाहिश पूरे मुंबई पर राज करने की होने लगी।
डी कंपनी (D Company) के फॉर्मूले को कई छोटे गैंगों ने भी अपनाने की कोशिश की, लेकिन यह कारगर साबित नहीं हुई। ये छोटे गैंग उदाहरण पेश करना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने हाल में सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) की हत्या कर दी। मूसेवाला की हत्या के बाद सलमान खान और उनके पिता सलीम खान को भी मूसेवाला की तरह मारने की धमकी दी गई।
सलमान खान को दी गई धमकी ने सबके होश उड़ा दिये हैं। आखिरकार सलमान खान (Salman Khan) एक एक्शन हीरो हैं और उनके अधिकतर प्रशंसक उन्हें इसी रूप में देखते हैं। बंदूक लेकिन हर हाल में बंदूक होती है और यह अगर किसी बददिमाग के हाथ में हो तो यह और भी खतरनाक हो जाती है।
–आईएएनएस