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बैंक कर्मचारी नहीं टाल सकते कोई काम, यहां जानें ग्राहकों के अधिकार
Last Updated on July 24, 2022 by sintu kumar
आजकल ज्यादातर लोगों ने बैंक में खाता खुलवाया हुआ है। आमतौर पर बैंक में पैसे जमा करवाने या निकलवाने जाने वाले व्यक्ति को कुछ परेशानियों का सामना जरूर करना पड़ता है। वहीं, कुछ चालान बनाने के लिए बैंक में जाते हैं। चालान बनाने के लिए उन्हें एक काउंटर से दूसरे काउंटर पर जाना पड़ता है। हालांकि, बहुत बार ऐसा भी होता है कि हमें बैंक कर्मचारी बोल देते हैं कि अभी लंच का समय है, बाद में आएं। जबकि, हम आपको बता दें कि कोई भी बैंक लंच के नाम पर ग्राहकों को इंतजार नहीं करा सकता है।
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बता दें कि बैंक अधिकारियों द्वारा ग्राहकों के घंटों तक इंतजार करवाना नियमों के खिलाफ है। किसी भी बैंक के अधिकारी एक साथ लंच (Lunch) पर नहीं जा सकते हैं। नॉर्मल ट्रांजेक्शन में कोई रुकावट ना आए इसके लिए बैंक अधिकारियों के एक-एक करके लंच ब्रेक पर जाना चाहिए। हालांकि, बहुत सारे बैंक में ऐसा होता है कि अधिकारी घंटों की लंच ब्रेक लेकर चले जाते हैं और ग्राहकों को इंतजार करना पड़ता है।
ध्यान रहे कि अगर आपको कोई बैंक अधिकारी ज्यादा इंतजार करवाए या आपसे अच्छे तरीके से बात ना करे तो आप उनकी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। कोई भी ग्राहक बैंक मैनेजर या नोडल ऑफिसर से उनकी शिकायत कर सकता है। इसके अलावा ग्राहक बैंक (Bank) की ईमेल या कस्टमर केयर पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज कर सकते है। इतना ही नहीं ग्राहक अपनी शिकायत ग्रीवांस रिड्रेसल फोरम में भी लिख सकते हैं। गौरतलब है कि ग्रीवांस रिड्रेसल फोरम का काम है ग्राहक की शिकायत को निपटाना।
वहीं, अगर कोई बैंक ग्राहक की शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लेता है तो ग्राहक बैंकिंग लोकपाल में शिकायत दर्ज करवा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना की शुरुआत 2006 में की थी। ध्यान रहे कि आप बैंकिंग लोकपाल में शिकायत तभी दर्ज करवा सकते हैं अगर बैंक ने आपकी शिकायत का एक महीने तक कोई जवाब ना दिया हो। इसके अलावा बैंक ने आपकी शिकायत को खारिज कर दिया हो या फिर बैंक ने जो जवाब दिया हो उससे ग्राहक संतुष्ट ना हो।
माननी होंगी कुछ शर्तों
किसी भी बैंक ग्राहक को बैंकिंग लोकपाल में शिकायत दर्ज करवाते समय कुछ शर्तों का ध्यान रखना होगा। कोई भी ग्राहक डायरेक्ट बैंकिंग लोकपाल में शिकायत नहीं कर सकते हैं। इसके लिए पहले ग्राहक को बैंक में लिखित शिकायत करनी होगी। इसके बाद एक साल के अंदर ही आपको बैंकिंग लोकपाल में शिकायत करनी होगा।