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इको फ्रेंडली दिवाली कैसे मनाएं
Last Updated on October 13, 2020 by Vishal Rana
सास बहू से – जब मैं प्रेग्नेंट थी…
तब मैंने जो कुछ भी खाया,
आज बेटे को हर वो चीज़ बेहद पसन्द है।
बहू- मां जी, जो भी हो,
लेकिन आपको सिगरेट और दारू से बचना चाहिए था।
एक अंकल ने एक बच्चे से पूछा – पढ़ाई कैसी चल रही है?
बच्चे ने जवाब दिया – अंकल, समंदर जितना सिलेबस है,
नदी जितना पढ़ पाते हैं, बाल्टी भर याद होता है,
गिलास भर लिख पाते हैं, चुल्लू भर नंबर आते हैं,
उसी में डूब कर मर जाते हैं…
चंपा ट्रेन से सफर कर रही थी….
जब गंगा नदी के पूल पर से ट्रेन जाती है तो लोग उसमें पैसे डालते हैं।
ये देख कर, चंपा अपना बैग खोलती है और और अपनी चेक बुक में से 1 चेक निकालती है।
उस चेक पर “श्री गंगा मैय्या ” “1 लाख रुपए” लिखकर
“अकाउंट पेयी” करके नदी में फेंक देती है !!!
चंपा मोदी जी की फैन है।
#कैशलेस मतलब कैशलेस
इको फ्रेंडली दिवाली कैसे मनाएं : पेट पकड़ कर हंसेंगे यह Idea पढ़कर
1. रसोई में खड़े हो जाएं
2.अपनी पत्नी द्वारा बनाई गई दिवाली की मिठाई, उनके सामने ही चट कर जाएं।
3. फिर हाथ साफ करते हुए, फरमाएं… ” भई जो भी हो, हमारी अम्मा के हाथ की मिठाई की बात ही कुछ और होती थी !!
..बस फिर इको फ्रेंडली आतिशबाजी का आनंद लें…
मिश्रा जी की दोस्ती सुंदर महिला से फेसबुक पर हो गई….
गुड मॉर्निंग, nice pic , wow, से आगे कुछ बातें इनबॉक्स में भी होने लगी।
अब मिश्रा जी खुश रहने लगे। रोज़ इधर उधर से फेसबुकिया फूल भेज देते।
एक दिन उनके मन की हो गई।
इनबॉक्स में नंबर मांग लिया महिला ने।
अब क्या था। व्हाट्सअप शुरू।
जनाब रोमांटिक मैसेज भेजने लगे।
अरे फेसबुक पर लड़की आपकी पोस्ट लाइक भर कर ले तो आप स्वयं को शाहरुख खान के अवतार समझने लगते हो। और अगर फ्रेंड रिक्वेस्ट आ जाए तो कहना ही क्या।
खैर, एक दिन महिला ने फ़ोन लगा लिया।
मिल सकते हो “मेरे पति बाहर गए हैं”।
जनाब बिजली की स्पीड से पहुंच गए।
बात शुरू होती, तो अचानक होश आया।
तुम्हारे पति आ गए तो…
“नहीं आएंगे, और आ जाए तो तुम कालीन साफ करने लगना, थोड़ी देर में चले जाएंगे। वरना टेबल पंखे साफ करते रहना…
ये बात चल ही रही थी, की डोर बेल बज गई। पतिदेव आ गए।
जनाब घबरा कर अपना रुमाल निकाल कर टेबल साफ करने लगे।
महिला ने,झाड़ू, फटका, डस्टर, वाइपर ला कर पटक दिया।
“लो साफ करो”
पति ने” पूछा कौन है ये?
पत्नी बोली:
सफाई के लिए हाउसकीपिंग कंपनी ने भेजा है।
सफाई चलती रही। एक पुराने कप में सफाई वाले को चाय भी मिली।
पंखे, खिड़की, कालीन आदि की सफाई के बाद थके हारे जनाब बोले।
“जाऊं मैडम”.
क्योंकि पतिदेव तो खिसकने का नाम ही नहीं ले रहे थे।
मैडम बोली : ओके
हस्बैंड ने कहा : “पैसे कितने देना है”
पत्नी मुस्कुराते हुए बोली : इनकी कंपनी में एडवांस जमा कर दिया था
दीवाली की सफाई के लिए, लोग क्या क्या हथकंडे अपनाते हैं यार। मिश्रा जी ने अब फेसबुक से दूरी बना ली है…
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