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Delhi: पूरी तरह खाली हुई मरकज़ की इमारत, कुल 2361 लोग निकले; नकवी बोले- यह तालिबानी जुर्म है
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रभाव के बीच सामने आए दिल्ली के निज़ामुद्दीन स्थित मरकज़ (Markaz) मामले ने सभी सन्न कर दिया है। इस विषय पर दिल्ली (Delhi) के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया है कि निज़ामुद्दीन के आलमी मरकज़ में 36 घंटे चले अभियान में बुधवार सुबह पूरी बिल्डिंग खाली करा ली गई। बकौल सिसोदिया, इमारत से कुल 2361 लोग निकाले गए जिनमें से 617 अस्पतालों में और बाकी क्वारंटीन सेंटर में हैं। दिल्ली में कोविड-19 के 120 मामलों में से 24 मरकज़ के ही हैं।
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रिपोर्ट्स के अनुसार, निज़ामुद्दीन मरकज़ के प्रमुख मौलाना साद ने बंगलेवाली मस्जिद खाली करने की दिल्ली पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों की गुज़ारिश अस्वीकार कर दी थी। बतौर रिपोर्ट्स, इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल 28 मार्च रात 2 बजे वहां पहुंचे और उन्होंने मस्जिद में मौजूद लोगों को कोरोना वायरस टेस्ट करवाने के लिए राज़ी किया। वहीं मरकज़ मामले पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है, ‘यह तबलीगी जमात का तालिबानी जुर्म है, इस तरह की आपराधिक कृति को ना नज़रअंदाज किया जा सकता है और ना माफ किया जा सकता है।’
वहीं गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि निज़ामुद्दीन (दिल्ली) इलाके में आयोजित धार्मिक समागम में शिरकत करने वाले 16 देशों के करीब 300 नागरिकों को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। बतौर मंत्रालय, “टूरिस्ट वीज़ा पर आने वाले लोग धार्मिक समागमों में नहीं जा सकते हैं।” गौरतलब है, 1-15 मार्च तक आयोजित समागम में 8,000 से अधिक लोग आए थे।