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किसानों के समर्थन में आए #चिपको_आंदोलन के लीडर सुंदरलाल, पूर्व मंत्री तिलकराज भी धरने पर बैठे
देहरादून। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 23वें दिन में प्रवेश कर गया है।अब किसानों के समर्थन में और लोग भी जुड़ने लगे हैं। चिपको आंदोलन (Chipko movement ) के प्रणेता सुंदरलाल बहुगुणा भी किसान आंदोलन के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि वह अन्नदाताओं की मांगों का समर्थन करते हैं। वहीं, रुद्रपुर के गाजीपुर बॉर्डर में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। वह किसानों के साथ धरने पर बैठे और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
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वहीं, पूर्व विधायक अंबरीष कुमार ने कहा कि नए कृषि कानून (Agricultural law) किसान की मौत का वारंट बन गए हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के लिए संत बाबा राम सिंह की शहादत दिल दहलाने वाली है। अभी तक 20 से अधिक किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को किसानों के बलिदान की राजनीतिक कीमत चुकानी होगी।
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पूर्व विधायक अंबरीष कुमार ने कहा कि किसान आंदोलन विश्व के इतिहास में सर्वाधिक अनुशासित, व्यवस्थित और सुविधा संपन्न आंदोलन है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में भी किसान देश की स्वतंत्रता और खुद्दारी को बचाने के लिए लड़ रहा है। दूसरी तरफ मोदी सरकार देश के स्वाभिमान और गौरव को अडानी और अंबानी को बेचने में लगी है। उन्होंने कहा कि सेवा के सभी क्षेत्र पर मोदी सरकार (Modi government) की वजह से यह कब्जा कर चुके हैं, अब इनकी गिद्ध दृष्टि कृषि क्षेत्र पर है। अंबरीष कुमार ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था डूब रही है, बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन अडानी और अंबानी की दौलत तीन गुना से अधिक बढ़ चुकी है। बीजेपी कृषि कानूनों के समर्थन में हुए आयोजनो से यह समझ गई होगी कि उसके पांव के नीचे से धरती खिसक रही है।