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कारोबारी बोले- पर्यटन गतिविधियां बंद, नहीं बिक रही शराब- कम हो कोटा
कुल्लू। मनाली और मणिकर्ण के शराब कारोबारियों (Liquor Traders) ने कोटे को 70 प्रतिशत घटाने की मांग की है। इसके लिए शराब कारोबारियों की ईटीओ (ETO) के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजकर मांगों पूरी करने का आग्रह किया है। शराब कारोबारी बलदेव राणा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के लॉकडाउन (Lockdown) के चलते कुल्लू-मनाली (Manali) में पर्यटन कारोबार तबाह हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे शराब की खप्त कम हुई है। पर्यटन गतिविधियां बंद होने से शराब की ब्रिकी नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार की एक्साइज पॉलिसी (Excise Policy) के मुताबिक कोटा निर्धारित किया है, दूसरी तरफ प्रति शराब की बोतल भी टैक्स (Tax) दिया जाता है।
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उन्होंने कहा कि कोटा ना उठाने पर फीस देनी पड़ती है, जिससे शराब कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 75 प्रतिशत शराब के ठेके का कारोबार है। मांग है कि कोटे को घटनाकर 30 प्रतिशत किया जाए या जितना माल हम उठाएं, उसकी फीस ही ली जाए। उन्होंने कहा कि सेल 20 से 25 प्रतिशत रह गई है, ऐसे में प्रदेश सरकार को इसके लिए ज्ञापन भेजकर 70 प्रतिशत कोटा घटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को पूरे कोटे के पैसे देने में असमर्थ हैं, ऐसे में कारोबार छोड़ने के लिए भी तैयार हैं। ज्ञापन में 2020-21 के एडवांस को वापस करने के लिए भी मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कुल्लू- मनाली में करीब 35 लाख पर्यटक आए थे, जिसमें 65-70 प्रतिशत कोटा के तहत कारोबार हुआ था, लेकिन इस वर्ष पर्यटकों के ना आने से शराब कारोबारियों को नुकसान होगा।
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ईटीओ कुल्लू हरीश छाटे ने बताया कि मनाली और मणिकर्ण के शराब कारोबारियों ने कोटा घटाने को लेकर ज्ञापन दिया है, जिसे उच्च अधिकारियों को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि शराब कारोबारियों की मांग है कि कोविड-19 (Covid-19) के कारण पर्यटन गतिविधियां बंद हैं, ऐसे में पर्यटन व्यवसाय से जड़े बाहरी राज्यों के प्रवासी मजदूर भी पलायन कर चुके हैं और शराब की खप्त कम हो गई है, जिससे शराब कारोबारियों ने कोटा कम करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार के राजस्व को भी नुकसान हुआ है।