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गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी पर मंडराया खतरा, सरकारी आदेश बना ब्रेकर
कहीं आपकी रसोई का बजट आने वाले दिनों में गड़बड़ा ना जाए। अगर ऐसा होता है तो उसका कारण सरकारी आदेश ही होगा। भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (Bharat Petroleum Corporation Limited) के निजीकरण के बाद ये सवाल उठा है, कि क्या बीपीसीएल निजीकरण के बाद भी सब्सिडी वाले सिलेंडर (Subsidized Cylinders) की आपूर्ति करेगी या नहीं। चूंकि 20 साल पहले सरकार ने एलपीजी को लेकर एक आदेश दिया था कि देश में उत्पादित रसोई गैस की आपूर्ति केवल सरकार के स्वामित्व वाली तेल कंपनियों तक सीमित रहेगी। बताया जा रहा है कि सरकार ने इस मसले पर कानूनी राय मांगी है कि क्या निजीकरण (Privatization)के बाद बीपीसीएल को ओएनजीसी (ONGC) और गेल (GAIL) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित रसोई गैस का आवंटन सही होगा। बीपीसीएल (BPCL)के पास अभी 8.4 करोड़ से अधिक घरेलू एलपीजी ग्राहक (LPG Customers) हैं, इनमें 2.1 करोड़ उज्ज्वला ग्राहक भी हैं।
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बीपीसीएल अन्य तेल मार्केटिंग कंपनियों की तरह, तेल और प्राकृतिक गैस निगम और गेल लिमिटेड जैसी सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी निजी कंपनियों से रसोई गैस खरीदती है। रसोई गैस-आपूर्ति और वितरण विनियमन आदेश, 2020, जिसे रसोई गैस नियंत्रण आदेश, 2000 (LPG Control Order,2000) के रूप में जाना जाता है, केवल सरकार के स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) और बीपीसीएल को स्वदेशी रूप से उत्पादित रसोई गैस की बिक्री का प्रावधान करता है।