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अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखें मां मंगला गौरी व्रत
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस माह के दौरान कई व्रत त्योहार में आते हैं। सावन माह के दौरान मंगला गौरी व्रत आता है , इस बार वह व्रत 14 जुलाई को पड़ रहा है। मंगला गौरी व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन मां मंगला की पूजा करने और कथा सुनने से मनचाहा फल मिलता है। माना जाता है कि सावन माह के इस मंगलवार को व्रत रखने से व्यक्ति को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं
ऐसे करें मंगला गौरी व्रत की पूजा
प्रात:काल दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर आप स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें। इसके बाद मंगला गौरी व्रत एवं पूजा का संकल्प करें। फिर पूजा स्थान को अच्छे से साफ करें। इसके पश्चात मां मंगला गौरी की तस्वीर या मूर्ति को लाल वस्त्र बिछाकर एक चौकी पर स्थापित कर दें।
अब मां का पुष्प, अक्षत्, गंध, धूप, दीप आदि से षोडशोपचार पूजन करें। यह व्रत अखंड सौभाग्य के लिए किया जा रहा है, तो माता को 16 श्रृंगार के सामान अर्पित करें। अब देवों के देव महादेव को भी पुष्प, अक्षत्, भांग, धतूरा, बेलपत्र आदि अर्पित कर पूजन करें। अब मंगला गौरी व्रत की कथा का पाठ करें।
अंत में सुहागन महिलाओं को घर में विवाहित स्त्रियों को प्रसाद देना चाहिए और पूजा में अर्पित वस्तुओं को दान कर देना चाहिए। मंगला गौरी व्रत करने वाली महिलाओं को हर मंगलवार को ऐसा ही करना चाहिए। चौथे मंगलवार को व्रत एवं पूजा के अगले दिन मां पार्वती की मूर्ति को विधि पूर्वक विसर्जित कर देना चाहिए। पांच वर्ष तक मंगला गौरी व्रत करने के बाद इसका उद्यापन करना चाहिए।
व्रत से लाभ मंगला गौरी व्रत सुखी वैवाहिक जीवन के लिए किया जाता है। यदि किसी की जन्मकुंडली में विवाह से जुड़ी कोई बाधा है तो उसके विवाह में निश्चित रूप से देरी होती है या कोई न कोई रूकावट आती रहती है। ऐसे में उन्हें मंगला गौरी व्रत जरूर करना चाहिए। जिन दंपतियों का वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चल रहा हो, उन्हें इस व्रत के प्रभाव से दांपत्य जीवन की परेशानियां दूर हो जाती है। पति-पत्नी में आपसी प्रेम बढ़ता है। कुंवारी कन्याएं यदि इस व्रत को करें तो उन्हें योग्य और मनचाहा वर प्राप्त होता है। यह व्रत सौभाग्य के साथ सुख भी प्रदान करता है। आर्थिक कमी इससे दूर होती है।