-
Advertisement
कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार, अधिकारियों पर लगना चाहिए मर्डर चार्ज
Last Updated on April 26, 2021 by Deepak
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना का वर्तमान में जो तांडव चल रहा है उसके लिए मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने सीधे तौर पर चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए चुनाव आयोग (Election Commission) के अधिकारियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाना चाहिए। चीफ जस्टिस संजीव बनर्जी और जस्टिस सेंथिल कुमार राममूर्ति की बेंच ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी अदा करने में पूरी तरह से विफल रहा है। चुनाव में राजनीतिक दलों ने जमकर कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है और आयोग उन्हें रोकने में नाकाम रहा है। अदालत ने कहा कि इसी के चलते स्थिति इतनी भयावह हुई और आयोग राजनीतिक दलों पर नकेल कसने में नाकाम रहा है।
यह भी पढ़ें:कोरोना का डरावना रूप आ रहा सामने,एक दिन में 3.54 लाख से ज्यादा केस-2806 मौतें
2 मई से पहले देने होंगे ब्लूप्रिंट वरना रुक सकती है मतगणना
राज्य के परिवहन मंत्री एमआर विजय भास्कर की याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा कि चुनाव आयोग देश की सबसे जिम्मेदार संस्था है, जिसने राजनीतिक पार्टियों के कोविड प्रोटोकॉल (Covid protocol) का पालन करने के लिए कुछ नहीं किया। आप का संस्थान कोरोना की दूसरी लहर के लिए एक मात्र तौर पर जिम्मेदार है। कोर्ट में जब चुनाव आयोग ने जवाब दिया कि उनकी ओर से कोविड गाइडलाइन्स का पूरी तरह पालन किया गया और वोटिंग डे पर नियमों का पालन किया गया था। इस पर नाराज कोर्ट की तरफ से कहा गया कि हमारे पास अधिकार का प्रयोग करने की किसी तरह की कमी नहीं है। आप ने अदालत के कहने के बावजूद रैलियों को आयोजित करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ कदम नहीं उठाए। अदालत में चुनाव आयोग ने जवाब दिया कि उनकी ओर से गाइडलाइन का पालन किया गया था। इस पर कोर्ट ने पूछा कि जब प्रचार हो रहा था तब चुनाव आयोग क्या दूसरे प्लेनेट पर था। यही नहीं अदालत ने कहा, “यदि आप ने कोविड प्रोटोकॉल का कोई ब्लूप्रिंट (Blueprint) तैयार नहीं किया तो हम 2 मई को होने वाला मतगणना रुकवा भी सकते हैं। आपकी मूर्खता से ऐसे हालात पैदा हुए हैं। अब हम आप को बता रहे है कि यदि 2 मई से पहले आप ने कोविड प्रोटोकॉल के पालन को लेकर कोई ब्लूप्रिंट नहीं दिया तो हम हम मतगणना रुकवा भी सकते हैं। ”
यह भी पढ़ें:Corona in India: तबाही का मंजर-2761 मौतें-3.50 लाख नए केस
गौर हो कि देश के पांच राज्यों में कोरोना काल में ही चुनाव हुआ है। चार राज्यों में तो चुनाव खत्म हो गया है, जबकि बंगाल में अभी भी वोटिंग हो रही है। चुनावी राज्यों में मतदान खत्म होने के बाद कोरोना के मामले बढ़ने से कई पाबंदियां लगा दी हैं। अगर पूरे देश की बात करें तो हर रोज अब देश में साढ़े तीन लाख के करीब मामले सामने आ रहे हैं जबकि हालात अब बेकाबू हो गए हैं। दिल्ली से लेकर बेंगलुरु, मुंबई, लखनऊ और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में बेड्स की कमी है, ऑक्सीजन की किल्लत है और मरीजों की हालत खराब है।