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ये जलाशय 25 अंतरराष्ट्रीय साइटों में से एक है
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में ब्यास नदी पर बांध बनाकर एक जलाशय का निर्माण किया गया है जिसे महाराणा प्रताप सागर नाम दिया गया । इसे पौंग जलाशय या पौंग बांध के नाम से भी जाना जाता है। यह बांध वर्ष 1975 में बनाया गया था।
महाराणा प्रताप के सम्मान में नामित यह जलाशय या झील एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है और रामसर सम्मेलन द्वारा भारत में घोषित 25 अंतरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि साइटों में से एक है। जलाशय 24,529 हेक्टेयर (60,610 एकड़) के एक क्षेत्र तक फैला हुआ है, और झीलों का भाग 15,662 हेक्टेयर (38,700 एकड़) है।
पौंग जलाशय हिमाचल प्रदेश में हिमालय की तलहटी में सबसे महत्वपूर्ण मछली वाला जलाशय है। इस जलाशय में महासीर मछली अत्याधिकता मे पाई जाती है,कांगड़ा हवाई अड्डा, पौंग.बांध से केवल 75.9 किमी की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा उड़ानों के जरिए दिल्ली से जुड़ा हुआ है।
निकटतम ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन पठानकोट कैंट (चक्की) पौंगडम से 70 किमी की दूरी पर है और नजदीकी नैरो गेज रेलवे स्टेशन नंदपुर भटौली रेलवे स्टेशन, बिरियाल रेलवे स्टेशन है।
पौंग बांध नई दिल्ली से 466 किमी, चंडीगढ़ से 170 किलोमीटर, अमृतसर से 110 किलोमीटर, धर्मशाला से 55 किलोमीटर की दूरी पर है।