-
Advertisement
नड्डा से मिलने के बाद बदले महेश्वर के सुर, कहा- मेरी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं
शिमला। हिमाचल में बगावत पर उतरे बीजेपी के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह (Maheshwar Singh) के सुर जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात के बाद पूरी तरह से बदल गए हैं। पहले आजाद चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके महेश्वर सिंह ने अब चुनाव ना लड़ने की इच्छा जताई है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Vidhan sabha Election) में टिकट आवंटन के बाद बागी हुए नेताओं को मनाने का दौर जारी है। शिमला में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में टिकट बदले जाने के बाद पार्टी से नाराज चल रहे महेश्वर सिंह से बातचीत के बाद उन्हें मना लिया। महेश्वर सिंह अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) के साथ बातचीत के बाद अब आजाद प्रत्याशी के तौर पर मैदान में नहीं रहेंगे। इससे पहले महेश्वर सिंह टिकट में बदलाव की वजह से पार्टी से नाराज चल रहे थे। बीजेपी ने महेश्वर सिंह का टिकट उनके बेटे हितेश्वर सिंह के बंजार विधानसभा क्षेत्र में आजाद प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरने की वजह से बदला है।
यह भी पढ़ें:महेश्वर सिंह का बड़ा खुलासा, जेपी नड्डा के कहने पर ही भरा था नामांकन
महेश्वर सिंह ने कहा कि मैं अपने समर्थकों के साथ बातचीत कर उनको अपनी इच्छा से अवगत कराऊंगा। महेश्वर सिंह ने कहा कि मेरा एक नामांकन रद्द हो चुका है और अब 73 साल की उम्र में निर्दलीय चुनाव लड़ना कठिन है। उन्होंने कहा कि अगर मेरे कार्यकर्ता चुनाव लड़ने के लिए जोर देंगे तो उनको समझाऊंगा कि इस उम्र में चुनाव लड़ना बहुत मुश्किल है। महेश्वर सिंह ने कहा कि कई बार कार्यकर्ताओं (BJP Workers) की इच्छा का सम्मान करना पड़ता है और उनकी बात सुननी पड़ती है, लेकिन मैं उन्हें समझाने की पूरी कोशिश करूंगा।
शिमला के होटल पीटर हॉफ में जगत प्रकाश नड्डा के साथ मुलाकात के बाद महेश्वर सिंह ने कहा कि वह बातचीत के बाद संतुष्ट हैं। अब वे आजाद प्रत्याशी के तौर पर मैदान में नहीं रहेंगे। हालांकि उन्होंने अपने बेटे की जिम्मेदारी लेने से साफ इनकार कर दिया। महेश्वर सिंह ने कहा कि आज के दिन में कोई भी अपने बेटे की गारंटी नहीं ले सकता। उन्होंने इसके पीछे कई पारिवारिक वजहों को भी गिनाया। महेश्वर सिंह ने कहा कि पार्टी ने उन्हें अब चुनाव ना लड़ने के लिए कहा है, तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। इससे पहले भी जब पार्टी के साथ उनकी नाराजगी रहीए तो वे कांग्रेस में नहीं गए, बल्कि उन्होंने अपनी पार्टी का गठन किया। महेश्वर सिंह ने स्पष्ट किया है कि इस बार भी वे बीजेपी छोड़ कांग्रेस में नहीं जाएंगे।